इंजेक्शन या ग्लूकोज़ लगवाने से रोज़ा नहीं टूटता-मौलाना शमशीर क़ासमी
रिपोर्ट -डॉ0 ताहिर मलिक
मदरसा दावतुल हक़ मुइनिया के प्रबंधक हज़रत मौलाना शमशीर क़ासमी ने रमज़ान के मुताल्लिक़ जानकारी देते हुए बताया कि रोज़ा अल्लाह की पसंदीदा इबादत है।जहाँ इसमें कुछ पाबंदियां हैं वहीं कुछ छूट भी दी गई है।उन्होंने कहा कि रोज़ा रखने के बाद अगर किसी की तबीयत अचानक ख़राब हो जाए और डॉ कहें कि इंजेक्शन या ग्लूकोज़ लगाना ज़रूरी है तो लगवा देना चाहिए उससे रोज़ा नहीं टूटेगा।यहाँ तक कि अगर ऐसी हालत हो कि खून भी चढ़वाना पड़े तो खून चढ़वा सकते हैं उससे भी रोज़ा नहीं टूटेगा।मौलाना शमशीर क़ासमी ने कहा कि रोज़ेदार को बहुत एहतियात भी रखनी चाहिए।रोज़ा सिर्फ भूखे रहने का नाम नहीं है।आँख कान और ज़बान पर क़ाबू रखना भी ज़रूरी है।उन्होंने कहा कि रोज़ा इंसान को अपनी नफ़्स पर क़ाबू करना सिखा देता है जो ईद के बाद के वक़्त में भी इंसान को फैज़ याब करता रहता है।

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