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जब तक आपत्तियों का निस्तारण नहीं, टैक्स वसूली नहीं- महापौर

जब तक आपत्तियों का निस्तारण नहीं, टैक्स वसूली नहीं- महापौर

2023 में नगर निगम बोर्ड द्वारा निर्धारित दरों पर ही भेजे गए है नोटिस

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर- नगर निगम की ओर से महापौर डॉ. अजय कुमार व नगरायुक्त शिपू गिरि ने आज एक बार फिर लोगों को भरोसा दिलाया है कि जीआईएस सर्वे नोटिसों में वृद्धि को लेकर लोग चिंतित न हो जब तक उनकी आपत्तियों का निस्तारण नहीं होगा, उनसे टैक्स नहीं वसूला जायेगा। महापौर व नगरायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि जो नये भवन बने हैं उनके लिए अप्रैल 2024 कट ऑफ डेट रखी गयी हैं। व्यापारियों ने जीआईएस सर्वे का विरोध करते हुए इसे समाप्त कर पूर्व की तरह सेल्फ एसेसमेंट के जरिये टैक्स निर्धारण की मांग की।

महापौर व नगरायुक्त ने आज व्यपार मण्डलों के प्रतिनिधियों, उ़द्यमियों व सर्वदलीय संघर्ष समिति के साथ जीआईएस सर्वे पर विस्तार से चर्चा करते हुए उक्त आश्वासन दिया। इससे पूर्व महापौर ने अन्य शहरों की दरों का उल्लेख करते हुए सहारनपुर की टैक्स दरों से अवगत कराया। महापौर ने कहा कि कुछ लोगों के बीच यह भ्रांति फैली है कि डीएम सर्किल रेट के आधार पर टैक्स की दरे निर्धारित की गयी है। उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने बताया कि साल 2023 में नगर निगम बोर्ड ने जो दरे निर्धारित की थी उसके आधार पर ही नोटिस भेजे गए हैं। उन्होंने अवगत कराया कि यदि निगम प्रतिवर्ष 10.3 प्रतिवर्ष की वृद्धि टैक्स में नही करता है तो शहर के विकास के लिए सरकार से मिलने वाली अनेक ग्रांट निगम को नहीं मिल पायेंगी।इससे पूर्व कर निर्धारण अधिकारी श्रुति महेश्वरी ने जीआईएस सर्वे क्या है और उसके उद्देश्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया गया कि जीआईएस सर्वे नोटिस का तात्पर्य भवन स्वामी को सूचना देना है यदि वह उससे सहमत नहीं है तो उस पर आपत्ति दर्ज करा सकता है। उन्होंने बताया कि लिखित के अलावा निगम की साइट पर भी जाकर आपत्ति दर्ज करायी जा सकती है। महापौर ने कहा कि गरीब को कोई सताए नहीं यह हम सब सुनिश्चित करेंगे। नगरायुक्त ने कहा कि जीआईएस सर्वे को लेकर किसी के झांसे में आने की जरुरत नहीं है। सीधे उनसे आकर मिलें, वह तुरंत ठीक कराते हुए निस्तारण करायेंगे।
व्यापारी नेता विवेक मनोचा, सुरेंद्र मोहन चावला, नरेश धीमान, शैलेंद्र भूषण गुप्ता व पूर्व पार्षद पुनीत चौहान आदि ने निगम बोर्ड की बैठक बुलाकर जीआईएस सर्वे समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि जीआईएस सर्वे में काफी खामियां है और व्यापारी उससे संतुष्ट नहीं हैं। पुनीत व शैलेंद्र भूषण ने पूर्व की तरह सेल्फ एसेसमेंट के जरिये ही कर निर्धारण करने की मांग की। महापौर ने बताया कि जीआईएस सर्वे प्रदेश स्तर पर सरकार द्वारा लिए गए निर्णयानुसार कराया गया है, सरकार द्वारा बनाये गए अनेक नियमों को निगम मानने को बाध्य है। शैलेंद्र भूषण व जसपाल बतरा ने कॉलेजों पर टैक्स में अप्रत्याशित वृद्धि का मामला उठाया। जिस पर महापौर ने कहा कि यदि कॉलेज सरकार से सहायता प्राप्त है तो उन्हें हाउस टैक्स नहीं वाटर और सीवर टैक्स देना हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कॉलेजों के भवनों में यदि दुकानें बनी हैं तो वह टैक्स के दायरे में आयेंगी। संघर्ष समिति के जयनाथ शर्मा, एसआईए के शिव गौड़, महेंद्र तनेजा, यश मैनी आदि ने भी अनेक जिज्ञासाएं व्यक्त की जिन्हें महापौर व नगरायुक्त ने उत्तर देकर शांत किया। विवेक मनोचा, यश मैनी व सुरेंद्र मोहन चावला ने प्रवर्तन दल व व्यापारी के बीच हुए विवाद की जांच रिपोर्ट जल्द जारी करने पर जोर दिया। महेंद्र तनेजा ने अलग से सर्वदलीय संघर्ष समिति को समय देने की मांग की। बैठक में अपर नगरायुक्त प्रदीप कुमार यादव, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी संगीता गुप्ता तथा उक्त व्यापारी नेताओं के अलावा पूर्व विधायक सुरेन्द्र कपिल, ठाकुर वीरेंद्र सिंह, रवींद्र मिगलानी, राजकुमार मक्कड़, मुकुंद मनोहर गोयल, अनुपम गुप्ता, नुसरत साबरी, जयवीर राणा, विजय मल्होत्रा, शीतल टण्डन आदि व्यापारी नेताओं के अतिरिक्त पार्षद मुकेश गक्खड़, दिग्विजय चौहान, राजेंद्र कोहली, मयंक गर्ग, पार्षद प्रतिनिधि अनिल शर्मा आदि मौजूद रहे।  


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