कोलकाता की घटना के विरोध में गरजे जनपद के डॉक्टर्स
रिपोर्ट- अमान उल्ला खान
सहारनपुर कोलकाता की घटना के विरोध में जनपद के डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले क्लीनिक बंद कर और डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर आई एम ए भवन में धरना दिया धरने के पश्चात आई एम ए भवन से कलेक्ट तक फ्लैग मार्च निकाल प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन एडीएम ई को ज्ञापन सौंपा
ज्ञापन के माध्यम से डॉक्टर ने मांग की है कि आईएमए आरजी कर रेप और हत्या केस में गहन जांच, समय पर मुकदमा चलाने और दोषियों को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में उचित सजा दिलाने की मांग करता है। हमारी मुख्य मांगों में से एक यह है कि अपराध की प्रकृति के अनुसार पीड़ित के परिवार को सम्मानजनक और गरिमापूर्ण मुआवजा दिया जाना चाहिए। देश के हर अस्पताल को एयरपोर्ट की तरह सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए, ताकि डॉक्टर बिना किसी डर के काम कर सकें। एयरपोर्ट तीन-परत सुरक्षा के साथ सुरक्षित क्षेत्र हैं, इसलिए कम से कम बड़े अस्पतालों में सुरक्षा प्रोटोकॉल होना चाहिए और उन्हें सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए, जिससे उन्हें अनिवार्य सुरक्षा प्रोटोकॉल का हकदार बनाया जा सके। स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून होना चाहिए। 25 राज्यों में डॉक्टरों और अस्पतालों पर हमले के खिलाफ कानून हैं, लेकिन इन कानूनों के तहत अब तक कोई दोषसिद्धि नहीं हुई है। ये कानून व्यवहार में अप्रभावी हैं और हमलों को रोकने में विफल रहते हैं। इसलिए, इन कानूनों को पुनः लिखने, उन्हें मजबूत बनाने और उन्हें क्लीनिकल प्रतिष्ठानों और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों के खिलाफ मजबूत बनाने की आवश्यकता है। हम सरकार से 2019 के ड्राफ्ट हेल्थकेयर सर्विस पर्सनेल एंड क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स (प्रोहिबिशन ऑफ वायलेंस एंड डैमेज टू प्रॉपर्टी) बिल को फिर से प्रस्तुत करने का अनुरोध करते हैं, जिसमें महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन शामिल हैं, जैसा कि संसद द्वारा महामारी रोग (संशोधन) अधिनियम, 2020 में अनुमोदित और पारित किया गया है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को अपने साथ पंजीकृत सभी डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और इसके संबंध में संशोधन और नियम लाए जा सकते हैं।आईएमए की अंतिम मांग रेजिडेंट डॉक्टरों के कार्यकाल और कार्यकाल की स्थितियों से संबंधित है। रेजिडेंट डॉक्टर सभी मेडिकल कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ होते हैं और अक्सर अमानवीय घंटों में काम करते हैं। उन्हें बेहतर कार्यकाल और नियमित कार्यकाल होने चाहिए।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से आई एम ए के अध्यक्ष डॉ कलीम अहमद ,डॉ सौम्या जैन ,कोषाध्यक्ष डॉ प्रवीण शर्मा,\डॉक्टर अंकुर उपाध्याय, डॉक्टर मोहन सिंह, डॉक्टर अतुल कुमार जैन ,डॉक्टर नरेश नौसरान ,डॉक्टर शशीकांत सैनी, संजीव मित्तल डॉ अमरजीत पोपली ,डॉ संजीव मिगलानी, डॉक्टर नैना मिगलानी, डॉक्टर नूतन उपाध्याय, डॉक्टर नीलम गर्ग ,डॉ रिक्की चौधरी,,डॉ संजय कपिल डॉ एजाज अहमद डॉ अमरजीत पोपली डॉ राजेश शर्मा डॉ रविकांत निरंकारी डॉ मनदीप सिंह डॉ श्रावणजीत सिंह,डॉ रजनीश दहूजा,डॉ गिरीश डंग,डॉ नूतन उपाध्याय,डॉ पूनम मखीजा,डॉ विवेक बनर्जी,डॉ पंकज खन्ना,,डॉ गुनिता मेहता,डॉ ललिता,डॉ दीपक उनियाल,,डॉ डीके गुप्ता,डॉ महेश चंद्र,डॉ संदीप गर्ग,डॉ मोहन पांडे,डॉ अनुश्री पांडे,डॉ विनीता मल्होत्रा, डॉ सुभाष सहगल, अंशुल, डॉ महेश गोयल,डॉ अनुपम यादव,डॉ अंजली गुप्ता,डॉ रेणु सिंघल,,डॉ श्वेता विरमानी आदि मौजूद रहे
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