महान संत शिरोमणि गुरू रविदास संतों की श्रृंखला में धु्रव तारा: कर्नल राजीव रावत
सहारनपुर। मिशन समरसता के अंतर्गत महाराणा प्रताप फाउण्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा उ0प्र0 सैनिक प्रकोष्ठ संयोजक कर्नल राजीव रावत ने चंवर वंश के महान संत शिरोमणि गुरू रविदास को संतों की श्रृंखला में एक ध्रुव तारा बताया।
कर्नल रावत ने अपने दिल्ली रोड स्थित आवास से जानकारी देते हुए बताया किया कि उनके वाराणसी में पार्टी की क्षेत्रीय बैठक को सम्बोधन के बाद संत रविदास जी के जन्म स्थान सीर गोवर्धनपुर में स्थित भव्य मंदिर में जाना हुआ। और अपने परम पूज्य संत श्री गुरू रविदास जी के मंदिर में मत्था टेकने के उपरान्त उनमें एक अद्भूत ऊर्जा का संचार हुआ है, वे संत श्री गुरू रविदास की विचारधारा से बहुत प्रभावित हैं। उन्हांेने बताया कि संत रविदास की प्रतिष्ठा आज पूरे देश में है उनका भक्ति भाव देखकर भक्तिकाल में दर्जनों राजा-रानी उनके शिष्य बने, चित्तौड की कुलवधू मेडतझाी मीरा ने भी संत जी को अपना गुरू बनाया। मीरा और संत रविदास का मिलन सगुण और निर्गुण भक्ति धाराओं का मिलन तो है ही, साथ ही जातिगत आधार पर भेद मानने वालों को एक सुन्दर अनुकरणीय सीख भी है। कर्नल रावत ने बताया कि वे अपनी कर्मस्थली जनपद सहारनपुर में श्री गुरू रविदास शोधशाला स्थापित करना चाहते हैं। इस शोधशाला में जनपदभर के रविदास पंथियों के विचारों और उनकी प्रेरणाओं को जानकर, तथा उनके साथ मिलकर इस दबे- कुचले समाज को एक नई दिशा प्रदान करने की इच्छा है। समाज के बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाकर उन्हें सम्मान दिलाने का कार्य जनपद में करंेगे। कर्नल रावत ने बताया कि चंवर वंश का महानतम व स्वर्णिम इतिहास है, जो समाज के भेदभाव के कारण धूमिल होता चला गया। उन्हांेने बताया कि वे जनपदभर में घूमकर इस समाज की समस्याओं को जानेंगे और समाज के युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम शिक्षा प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करेंगे। इस अवसर पर उनके साथ चंद्रशेखर उपस्थित रहे। उल्लेखनीय कर्नल रावत आजकल जनपद में नमामि-यमुना अभियान, कलाम-शिक्षा जागृति मंच, कृष्ण-रविदास कल्याण समिति, राजपूत-हिन्दु/राव जी एकता संगठन के माध्यम से भी कार्य करके समाज में आपसी सदभाव व भाईचारे का संदेश दे रहे हैं।
रिपोर्ट-अमान उल्ला खान
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