इस्लाम धर्म आपसी अमन व भाई चारे का प्रतीक- सय्यद मौ०समीर सैफी
सहारनपुर- नखासा बाज़ार स्तिथ दरगाह हज़रत शाह विलायत साहब का एक दिवसीय माहे रमज़ान मुबारक के 18 रोज़े को 568 वां उर्स मुबारक संपन्न हुआ। दरगाह हज़रत मखदूम शाह विलायत साहब में जिले के कोने-कोने से आये जायरीन,विभिन्न दरगाहों के सज्जादानशीन ने बाबा की मजार पर अपने श्रद्धा के फूल न्योछावर कर चादर पोशी की।
बाबा की मजार पर चादरपोशी करते हुए लोगों ने मूल्क की तरक्की की कामना की। दरगाह हज़रत मखदूम शाह विलायत साहब की मज़ार पर चादरपोशी से पहले कुरआनखानी,फ़ातिहाखानी,व कुल शरीफ कर अक़ीदत मंदो को रोज़ा अफ्तार कराया गया। दरगाह के सज्जादानशीन सय्यद मौ० समीर उर्फ सैफी मियां ने बताया कि हज़रत मखदूम शाहविलयत साहब हज़रत शाह हारून चिश्ती साहब के दामाद है। इनका उर्स मुबारक रमज़ान के 18 वे रोज़े को मनाया जाता है। सय्यद मौ० समीर सैफी ने रूहानी तकरीर कर लोगों को नेक रास्ते पर चलने की नसीहत देते हुए कुरआन और नबी के फरमान के मुताबिक जिन्दगी गुजारने की अपील कि। और कहा कि मुसलमान अपने बच्चों को दीन के साथ साथ दुनिया की तालीम जरूर दिलाएं। इस्लाम धर्म आपसी भाई चारे के साथ शांति व एकता का पैग़ाम देता है। हम जिस मुल्क में रह रहे है उससे मोहब्बत व उसकी हिफाज़त करना हम सभी की जिम्मेदारी है। अंत में देश और कौम की सलामती के लिए दुआये मांगी गयी। इस दौरान सज्जादानशीन दरगाह गोटेशाह, शाहज़मा हसन,फैसल भारती, क़ाज़ी शौक़त हुसैन, सूफी शमशुल हसन, रहमान अज़ीज़,सूफी साबिर उस्मानी,क़ाज़ी सऊद अहमद, फसीउज़्ज़मा,फहाद सलीम,मुस्तकीम राणा,डॉ सलमान डॉ तारिक़ आदि मौजूद रहे।रिपोर्ट-अमान उल्ला खान

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