ग्लोकल विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आयोजित हुआ व्याख्यान
रिपोर्ट-अमान उल्ला खान
श्री वीरेश्वर उपाध्याय नें बताया कि सभी धर्मों का सार एक ही है, जिसमें मानवीय मूल्यों को स्थापित करने की ही बात की गयी है। हमें ज्ञान के विकास के साथ विवेकपूर्ण ढंग से अपनी कार्य शैली को अपनानी चाहिए। शिक्षा के साथ-साथ हमें अपनी परिस्थिति और भूमिका का भी ध्यान रखना चाहिए । परिस्थिति बदलते ही भूमिका बदल लेनी चाहिए। कार्य व्यापार के किसी भी क्षेत्र में मानवीय मूल्यों को नहीं खोना चाहिए। नई शिक्षा नीति में इन्हीं बातों पर विशेष ध्यान दिया गया है। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन और मुख्य वित्त अधिकारी ए. पी. सिंह (सी.ए.) की गणेश वंदना से हुआ। प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. सतीश कुमार शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया । आयोजन समिति में सुश्री शालू विश्वकर्मा के साथ अलका सिंह, सानिका, आनंद, कुमार ,अभिषेक ,सूरज, अंशुल,अंशू, नितेश ,चिराग ,सौरभ कुमार ,मनोरंजन आदि छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर शोभा त्रिपाठी ने किया। अन्य गणमान व्यक्तियों में ग्लोकल विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रोफेसर डॉ. प्रमोद कुमार, प्राचार्य पैरामेडिकल प्रोफेसर डॉ. संजय कुमार, प्राचार्य आयुर्वेद कॉलेज प्रोफेसर डॉ. जॉन फिनबे, चीफ प्रॉक्टर जमीरुल इस्लाम, डीन बिजनेस डॉ विजय कुमार, अन्य प्रोफेसर गण तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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