उत्तर प्रदेश के बजट में भी केंद्र के बजट की तरह किसानों और आमजन के लिए कुछ नहीं है- भगत सिंह
रिपोर्ट-अमान उल्ला खान
सहारनपुर-भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने उत्तर प्रदेश के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के 736438 करोड़ के बजट में प्रदेश के अन्नदाता किसानों के लिए कुछ नहीं है। प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के दम पर प्रतिवर्ष एक्साइज ड्यूटी के रूप में 50000 करोड रुपए राजस्व प्राप्त करती है। इसमें से 10 हजार करोड़ रुपए कम से कम ₹100 कुंतल प्रदेश के गन्ना किसानों के बैंक खातों में सरकार को सीधा डालना चाहिए था। यह बजट किसान गरीब आमजन विरोधी है इस बजट में बेरोजगार युवाओं के लिए भी कुछ नहीं है केवल प्रदेश के पांच प्रतिशत बड़े लोगों के लिए ही बजट में सारी सुविधाएं हैं। राम राज्य की कल्पना से परे बजट है। राम राज्य में सभी को एक समान अधिकार न्याय बेरोजगारों को रोजगार किसानों मजदूरों और गरीबों की उन्नति की परिकल्पना है। प्रदेश के बजट में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए कोई बड़ी योजना नहीं है पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सहारनपुर मेरठ और आगरा में एम्स की स्थापना की व्यवस्था होनी चाहिए थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 26 जिले प्रदेश सरकार को 80% राजस्व देते हैं इसके बावजूद भी चार दशक की वकीलों की लड़ाई के बावजूद भी यहां अभी तक हाई कोर्ट की बैच की स्थापना भी नहीं की गई है जो पश्चिम की जनता के लिए सरासर अन्याय और नाइंसाफी है। प्रदेश का बजट कॉर्पोरेट घरानों और बड़े लोगों के लिए है।
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