मई और जून में थामेंगे बैंड बाजा और बारात के मुहुर्त
शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण दो महीने नही गूंजेगी शहनाईयां
10 मई को अक्षय तृतीया पर रहेगा एक दिन का अबूझ मुहूर्त
रिपोर्ट-अमित मोनू यादव
सहारनपुर-मई और जून का महीना हमेशा शादियों और बियाह के शुभ मुहूर्त के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाता रहा है. लेकिन ज्योतिषाचार्य के मत अनुसार इस बार इन दोनो महीनों में आपको शादी की शहनाई सुनाई नहीं देगी.
ज्योतिषाचार्य महंत सुमित भारद्वाज के अनुसार मई और जून के दोनो महीनों में शादी का कोई शुभ मुहुर्त नहीं है.उन्होंने बताया कि ऐसा संजोग 24 साल बाद बनने जा रहा है जिसमे मई और जून के महीने में शादी का कोई शुभ मुहुर्त नहीं है.महंत सुमित भारद्वाज ने बताया कि 28 अप्रैल से शुक्र तारा के अस्त होने के चलते मई और जून महीने में कोई विवाह मुहूर्त नहीं है।
मई में अक्षय तृतीया को रहेगा एक दिन का शुभ मुहूर्त-मई में महीने में अक्षय तृतीया पर एक दिन का शुभ मुहूर्त का संजोग बन रहा है। सनातन मान्यता अनुसार अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है। जो विवाह के लिए अति शुभ माना जाता है, अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त इस बार 10 मई को पड़ रहा है।ऐसे में इस अबूझ मुहूर्त के चलते इस दिन विवाहों की संख्या में अधिक बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
मई और जून में क्यों रहेंगे शुभ और मांगलिक कार्य निषेध-ज्योतिष शास्त्र के जानकार महंत नीलकंठ शर्मा के मुताबिक शुक्र ग्रह अस्त होने पर कुआं, बावड़ी खोदना और विवाह, सगाई, गृह प्रवेश कार्य करने की पूर्ण मनाही रहती है. ज्योतिषचार्य महंत नीलकंठ शर्मा के अनुसार शुक्र ग्रह ऐसा ग्रह है, जिसके बगैर शुभ कार्य करने की कल्पना नहीं की जा सकती है. ऐसे में शुक्र के अस्त होने पर कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. शुक्र ग्रह को ऊर्जा का तारा कहा जाता है।
क्या होता है ज्योतिष शास्त्र की गणना का महत्व- हिंदू मान्यता में ज्योतिष शास्त्र का अपना एक विशेष महत्व बताया गया है।ज्योतिषाचार्य इसी शास्त्र के माध्यम से भविष्य में होने वाली महत्वपूर्ण जानकारी की गणना करते हैं।सनातन धर्म में शादियां के लग्न के मुहूर्त देखते समय गुरु और शुक्र ग्रह की अच्छी स्थिति में होना जरूरी होना बताया गया है।ऐसे मे इन दोनो ग्रह में से किसी एक का भी अस्त या खराब स्थिति में होने पर उस तिथि का मुहूर्त नही बनता है।वर्ष 2024 में 23 अप्रैल से 30 जून तक शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण ही मई और जून में शुभ विवाह के मुहूर्त नही बन पा रहे है।
मांगलिक कार्य से जुड़े व्यवसायियों का क्या है कहना-नेहरू मार्केट स्थित कपड़ा व्यापार से जुड़े कारोबारी नितेश बांगा का कहना है कि बाजार में चुनाव और भीषण गर्मी के चलते व्यापार में पहले से ही काफी सुस्ती देखी जा रही है। वही मई और जून के महीने में कोई भी मांगलिक कार्य ना होने से व्यापार के और अधिक प्रभावित होने की संभावना नजर आ रही है। उधर टेंट और कैटरिंग के कार्य से जुड़े कारोबारी पंकज अवस्थी का कहना है कि उनके साथ 20 से 25 लोग जुड़े होते हैं।जिनका जीवन यापन शादी और विवाह से जुड़े कार्य से ही चलता है और ऐसे में दो महीने मांगलिक कार्यो के ना होने से या बुकिंग कम होने के कारण उन सभी लोगो को आर्थिक तंगी और परेशानी उठानी पड़ सकती है।
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