मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ने जिला प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर-केंद्र सरकार द्वारा चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित कर दिया है जिसके विरोध में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कार्यरत मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ने ज्ञापन जिला प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा
मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि कामगारों और मेहनतकश जनता के भारी विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने 21 नवंबर 2025 को चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित कर दिया है. ये चार श्रम संहिताएं "श्रम सुधार" के नाम पर पेश की गयी हैं. पर ये बड़े व्यवसाय और कॉरपोरेट हितों के मुनाफे के लिए आधुनिक गुलामी और शोषण को संहिताबद्ध करते हैं. ये श्रम संहिताएं मोदी सरकार के उस प्रतिगामी और मजदूर विरोधी चरित्र का प्रतिबिंब है, जो इस देश के मजदूरों और मेहनतकश आवाम को गुलामी जैसी स्थितियों में धकेलने की कोशिश कर रहा है. UPMSRA इन मनमानीपूर्ण और जन विरोधी श्रम संहिताओं को वापस लिए जाने की मांग करता है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कार्यरत Sales Promotion Employees (विक्री संवर्धन कर्मचारी) 24 से 26 नवंबर 2025 तक काला दिवस मनाएंगे. मज़दूर-विरोधी श्रम संहिताओं के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया जाएगा और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला मजिस्ट्रेटों के माध्यम से भेजा जाएगा. श्रम संहिताओं को लागू किये जाने के खिलाफ और श्रम शक्ति नीति 2025 को वापस लिए जाने की मांग करने के लिए, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साझा मंच और स्वतंत्र औद्योगिक फेडरेशनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के साथ मिल कर 26 नवंबर को प्रतिवाद और अवज्ञा दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है, ज्ञापन देने वालों में रजनीश चौहान, गौतम जोशी, अनुराग भटनागर, अंकित कुमार ननंद शर्मा, मोहित कुमार, अदिल कुमार, सागर कुमार, नितिन अग्रवाल मुख्य रूप से शामिल रहे
0 टिप्पणियाँ