शिव पार्वती विवाह प्रकृति और पुरुष का मिलन है-स्वामी कालेंद्रानंद
शिव महापुराण कथा में शिव पार्वती विवाह महिमा का वर्णन करते हुए स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा शिव पार्वती विवाह प्रकृति और पुरुष का मिलन है प्रकृति और पुरुष का मिलन ही महा मुक्ति एवं आत्मा शांति का सबसे बड़ा मार्ग है शिव ही जीव की मुक्ति का साधन है। उन्होंने कहा जीव जगत में आकर अपने कर्मों को भोगता है परंतु जीव का मूल उद्देश्य परमात्मा की प्राप्ति है जिससे उसकी परम शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है महाराज श्री ने कहा पार्वती ने हजारों वर्षों तक शिव का कठोर तप किया और अन्न जल को त्याग कर तब में समाधिस्थ होकर शिव को प्रसन्न करने का कठोर प्रयास किया जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें शिव की प्राप्ति हुई और शिव ने उनका वरण किया इसीलिए शिव पार्वती का मिलन आत्मा और परमात्मा का मिलन है प्रकृति एवं पुरुष का मा मिलन है यही जीव का महा मोक्ष कहलाता है और यही जीवन का मूल अर्थ है इस अवसर पर पंडित ऋषभ शर्मा पंडित राजकुमार भारद्वाज सीताराम कश्यप ट कश्यप नीरज कश्यप सुभाष कश्यप सागर गुप्ता कुशल पाल संगीता निशा कमला रेखा गीता सरला सुदेश बबीता कमला अधिकारी संख्या में शिव विवाह में शामिल हुए
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