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देवबंद के बचीटी गांव में बरसाती नाले के तेज बहाव में बहे दो मासूम, 5 घंटे बाद भी नहीं मिला कोई सुराग, गांव में पसरा मातम, प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें तलाश में जुटीं।

देवबंद के बचीटी गांव में बरसाती नाले के तेज बहाव में बहे दो मासूम, 5 घंटे बाद भी नहीं मिला कोई सुराग, गांव में पसरा मातम, प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें तलाश में जुटीं।

रिपोर्ट समीर चौधरी

देवबंद-मानसून की बरसात कभी-कभी मातम बनकर बरसती है। देवबंद तहसील क्षेत्र के गांव बचीटी में ऐसा ही मंजर सामने आया जब तेज बारिश के बाद बरसाती खाले में आए पानी के उफान में दो मासूम बच्चे बह गए। हादसे को पांच घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अब तक दोनों बच्चों का कोई सुराग नहीं मिल सका है।

जानकारी के अनुसार, रविवार देर शाम गांव निवासी शाहरुख (पुत्र वाजिद) और अरशद (पुत्र अजीम) किसी काम से बाहर निकले थे, लेकिन अचानक नाले (खाले) में आए तेज बहाव ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। ग्रामीणों ने पहले पहल अपनी ओर से खोजबीन शुरू की, लेकिन जब कोई सफलता नहीं मिली तो पुलिस-प्रशासन को सूचना दी गई।
मौके पर एसडीएम युवराज सिंह, सीओ रविकांत पाराशर, कोतवाली प्रभारी धर्मेंद्र सोनकर के नेतृत्व में पुलिस बल के साथ-साथ एनडीआरएफ की विशेष टीम पहुंची। गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। वहीं, हजारों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर उमड़ पड़ी और बच्चे सही-सलामत मिल जाएं, इसकी दुआएं करते नजर आए।प्रशासन ने लाउडस्पीकर के माध्यम से चेतावनी जारी की है कि कोई भी व्यक्ति बरसाती जलधारा के आसपास न जाए। जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से नालों और जलभराव वाले क्षेत्रों में तलाश जारी है। घटनास्थल पर और गोताखोर बुलाए गए हैं। रात 10 बजे तक की स्थिति में भी दोनों मासूमों का कुछ पता नहीं चल पाया है।उधर, बच्चों के घरों में कोहराम मचा हुआ है। मां-बाप की आंखें बेटे की एक झलक को तरस रही हैं और हर गुजरते पल के साथ एक अनहोनी का डर साया बनकर मंडरा रहा है। ग्रामीण उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन गांव की फिजा में मौन और मायूसी तैर रही है।

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