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भगवान वाल्मीकि जी ने संसार को प्रेम पूर्वक सन्देश दिया-अजय बिरला

भगवान वाल्मीकि जी ने संसार को प्रेम पूर्वक सन्देश दिया-अजय बिरला

रिपोर्ट-अमान उल्ला खान

सहारनपुर-भारतीय कला संगम श्री रामलीला कमेटी सभा गोविंद नगर, रेलवे टीटु कालोनी  में माननीय लोकप्रिय इंजिनियर रवि बहादुर विधायक ज्वालापुर केन्द्रीय सदस्य भावाधस भारतएवं अजय बिरला राष्ट्रीय संचालक भावाधस भारत, ब्रजमोहन सूद पूर्व अध्यक्ष जिला वाल्मीकि सभा , एवं गौरव चौहान ने संयुक्त रूप से ज्योति प्रज्ज्वलित कर श्री रामलीला का शुभारंभ किया

इंजिनियर रवि बहादुर विधायक ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी के द्वारा महाकाव्य रामायण में भगवान वाल्मीकि जी ने श्रीराम के बारे में जो हजारों वर्षों पहले जैसा लिखा वैसे ही हुआ है रामायण में दर्शाया गया है कि एक भाई का भाई के प्रति कितना प्रेम हो एक पत्नी का अपने पति के प्रति कितना प्रेम हो और एक राजा का अपनी प्रजा के प्रति कितना प्रेम हो ये सब रामायण में दर्शाया गया है और भगवान वाल्मीकि जी ने संसार को प्रेम पूर्वक सन्देश दिया अजय बिरला राष्ट्रीय संचालक भावाधस भारत ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी को आदि कवि भी कहा गया है क्योंकि भगवान वाल्मीकि जी संस्कृत भाषा के जनक हैं और  उनके मुखमडल से निकला सर्वप्रथम श्लोक मां निषाद प्रतिष्ठा त्वमगम शाश्वती समां।यत्क्रौच मिथुनादेकमवधी,: काममोहितम l lभगवान वाल्मीकि जी सतयुग, त्रेता युग ,द्वापरयुग, कलयुग चारों युगों में विद्धमान हैं  द्वापरयुग में जब द्रोपदी ने यज्ञ किया तब वाल्मीकि जी ने ही शंख बजाकर द्रोपदी का यज्ञ सफल किया उन्होंने रामायण को केवल लिखा ही नहीं बल्कि उसमें अहम रोल भी निभाया जब श्री राम ने सीता माता जी को देश निकाला दिया तब सीता माता ने वाल्मीकि जी के आश्रम में शरण ली और वही उन्होंने लव को जन्म दिया और कुश को भगवान वाल्मीकि जी ने अपनी शक्ति से कुशा घास में प्राण डालकर उत्पन्न किया वाल्मीकि जी ने हमेशा नारी को सम्मान दिया सीता माता को अपने बेटी बनाकर आश्रम में शरण दीउन्होंने पावन योग विशिष्ट में लिखा है कि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। इसका सदैव पूर्ण सत्कार करना चाहिए उन्होंने लव कुश को शिक्षा दीक्षा दी और अस्त्र शस्त्र विद्या में पारंगत किया जिसमें उन्होंने श्री राम जी की पूरी सेना को मार दिया वाल्मीकि जी हमारी संस्कृति के प्रथम आदि कवि एवं गुरु है हम सब उनके ऋणी है वाल्मीकि जी शरद पूर्णिमा को प्रकट हुए जिसे हम आज भी प्रकटोतसव दिवस के रूप में बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं वाल्मीकि जी किसी एक वर्ग विशेष के न होकर सम्पूर्ण मानव जाति के आदि कवि हैं अजय बिरला ने कहा कि जिला सहारनपुर के अन्दर पहली बार भगवान वाल्मीकि जी का चित्र श्री राम लीला में देखने को मिला मीडिया के समक्ष कहा कि अन्य जगहों में हो रही श्री रामलीला कमेटियों को भी श्री भारतीय कला संगम श्री रामलीला कमेटी  टीटु रेलवे कालोनी सहारनपुर से प्रेरणा लेनी चाहिए और श्री राम लीला से पहले भगवान वाल्मीकि जी की फोटो लगाकर स्तुति करनी चाहिए तभी रामलीला का आयोजन सफल होगाइस शुभ अवसर पर धन पाल तेशवर, अनिल भास्कर, बहुगुणा, मिश्रा, सागर बेनिवाल, अमित गोल्डी, अमरीश चौटाला,रवि तेशवर, निकुंज बिरला,रजत डबराल, अर्जुन, सुमित फौजी,हमजा, आदि उपस्थित रहे

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