साहिबजादो की पावन स्मृति में शहीदी समागम आयोजित
साहिबजादे:अदम्य साहस,बलिदान और वीरता के प्रतीक
शौर्य की दास्तां सदियों तक मानवता को त्याग तप और समर्पण का दिलायेगी एहसास
रिपोर्ट-अमित यादव मोनू
सहारनपुर-साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चारो साहिबजादो की शहादत और माता गुजरी के त्याग, तप और बलिदान की दास्तां शहीदी सप्ताह के रूप में जनपद में चारो ओर सुनाई दे रही है।
सरबंसदानी साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म और देश की खातिर अपना सर्वत्र न्योछावर कर मानवता को और आने वाली पीढ़ी को मानवीय मूल्यों के साथ धर्म की राह पर निडरता से चलने का मार्ग दिखाया।उन्होंने एक ऐसे समाज की नीव रखी जो समावेशी और सामंजस्य पूर्ण हैउधर शहीदी पर्व के उपल्क्ष में उत्तर रेलवे पंचायती गुरुद्वारा खलासी लाइन में मंगलवार को साहिबजादो और माता गुजरी की शहादत को समर्पित एक विशेष महान शहीदी समागम का आयोजन किया गया।शहीदी समागम मे श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चारो साहिबजादे बाबा अजीत सिंह,बाबा जुझार सिंह ,बाबा जरोवार सिंह ,बाबा फतेह सिंह ,माता गुजरी समेत चमकौर और सरहिंद के बेअंत शहीदों को समर्पित महान शहीदी समागम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में श्री दरबार साहिब अमृतसर से विशेष रूप से आये भाई महादीप सिंह और भाई मनिदर सिंह देहरादून वाले ने संगत को गुरवाणी कीर्तन के गायन से निहाल किया।
वही जाथेदार गुरजीत सिंह अकाली पोन्टा साहब वाले और ज्ञानी लखविंदर सिंह पारस के जत्थो ने गुरमात विचारो का बखान किया।शहीदी समागम में धर्म प्रचारकों ने बताया कि साहिबजादों की शहादत का इतिहास पूरी मानवता और दुनिया के लिए एक मिसाल है,उनकी वीरता और बलिदान अदुतीय है,उन्होने धर्म के सिद्धांतो से हटने की बजाय शहादत को वरण किया।धर्म प्रचारकों ने कथा के माध्यम से बताया कि माता गुजरी,गुरु गोबिंद सिंह और चारो साहिबजादो की वीरता और आदर्श आने वाले समय में विश्व के करोड़ों लोगो का मार्गदर्शन करेंगे।कार्यक्रम के मुख्य सेवादार स साहब सिंह ने शहीदी समागम पर प्रकाश डालते हुए बताया कि साहिबजादे अदम्य साहस के साथ बलिदान और वीरता के प्रतीक हैं।जिनकी शौर्य की दास्तां सदियों तक मानवता को उनके त्याग ,तप और समर्पण का एहसास दिलाती रहेगी।कार्यक्रम की समाप्ति के उपरांत गुरु का लंगर अटूट वरताया गया।शहीदी समागम में मुख्य रूप से स अमर सिंह हैड ग्रन्थी, स साहब सिंह,स गोविन्दर सिंह,स हरचरण सिंह बेदी,S गुनीत सिंह बेदी,स आर पी सिंह स जौनी गिल स पूर्ण सिंह,स सुच्चा सिंह स हरपाल सिंह, स जसजीत सिंह चावला , स सुप्रीत सिंह, लवनीश बाठला, स हरनीत सिंह प्रिन्स,स इंद्रपाल सिंह आदि सेवादारों का आयोजन में मुख्य योगदान रहा।


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