रामोत्सव:फिर बिखरेगा दीपो का उजाला,कुम्हारों के घूमे चाक
दीपोत्सव पर मिट्टी के दीयों की मांग मे बढ़ोतरी,मिली एडवांस बुकिंग
श्री राम दरबार के साथ श्रृंगार सामग्री की मांग में बढ़ोतरी
रिर्पोट-अमित यादव मोनू
सहरानपुर-22 जनवरी को अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देश और दुनिया भर में एक अलग सा उत्साह का माहौल है। जनपद सहारनपुर भी रामभक्ति में पूर्णता डूबा हुआ है। प्राण प्रतिष्ठा पर दीपोत्सव मनाने के लिए जनपद भी विशेष तैयारियों में जुटा हुआ है।
श्री राम लला मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व से ही लोगो ने अपने घर दुकानें,गली कूचे और बाजारो को रंग बिरंगी लाइटों झालरों से दुल्हन की तरह सजा दिया है।दूसरी तरफ दीपोत्सव के लिए बाजारो में दीयों की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।दीपावली के बाद दीयों की मांग के साथ एडवांस बुकिंग मिलने से कुम्हारों के चाक रात-दिन घूम रहे हैं और भट्टियां सुलग रही हैं। कुम्हारों को होली से पहले फिर से दीपावली की तरह बड़ा व्यापार करने का अवसर मिलने से उत्साह है। श्री राम लला मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दीपोत्सव कुम्हारों के लिए ऑफ सीजन में रोजगार का नया अवसर लेकर आया है। दीयों का पुश्तैनी काम करने किशन प्रजापति बताते हैं, दीपोत्सव के लिए दीपावली से भी अधिक दीयों की मांग है। उन्होंने ने बताया कि दुकानों से लेकर कई संगठनों की ओर से एडवांस बुकिंग मिली है।
श्री राम दरबार और शृंगार सामग्री की भी बढी ख़रीदारी -----शृंगारं के समान का कारोबार करने वाले अंकित शर्मा ने बताया कि इन दिनो श्री राम दरबार जिसमे भगवान राम,माता जानकी,लक्ष्मण जी और हनुमान जी की मूर्ति शामिल है कि मांग और खरीदारी बढी है लोग श्री राम लला मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अपने अपने घरों के मंदिरों मे भगवान राम को विराजेगे। इसके अतिरिक्त भक्तजन मंदिरों में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की शृंगार सामग्री भी खरीद रहे हैं। माला, मुकुट, पोशाक, आभूषण की डिमांड है। मार्केट में सजावटी दीयों की डिमांड में भी तेजी आई है। आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार दीपोत्सव के माध्यम से दीपों को हमेशा से ही बढ़ावा देते आ रहे है। दीपावली पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम नगरी अयोध्या जी में दीपोत्सव का भव्य आयोजन कराया था। दीपोत्सव के उस आयोजन में चौबीस लाख से भी अधिक दीपो को प्रज्वलित कर विश्व भर मे दीपोत्सव का एक रिकॉर्ड बनाया था।
सनातन संस्कृति मे दीपो का क्यों होता है अत्याधिक महत्व--सनातन धर्म मे दीपों का विशेष महत्त्व होता है कारण दीपक अंधकार पर न सिर्फ उजाले की विजय का प्रतीक है बल्कि एक नई चेतना,उमंग और आशा का प्रतीक भी है। दीपक स्वंय प्रकाशमान हो कर दूसरो को उजाला देता है और घोर अंधकार में भी एक नवीन राह दिखाता है। दीपक जब प्रकाश बिखेरता तो वो समता को प्रदर्शित करता हुए सभी को सम्मान रूप से उजाला देता है। इस कारण सनातन संस्कृति मे दीपक का अत्यधिक महत्व है के साथ पर्वो पर दीपो को उज्जवल करने का प्रचलन है



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