रमज़ान जिंदगी में तब्दीली के लिए -मौलाना शमशीर क़ासमी
रिपोर्ट -डॉ0 ताहिर मलिक
जामिया दावतुल हक मुईनिया चर्रोह के प्रबंधक हज़रत मौलाना शमशीर कासमी ने कहा कि रोजे का मकसद तकवा परहेज गारी है।तकवा कहते हैं कि इंसान झूठ, चोरी, डकैती, धोखा और तमाम बुराइयों से दूर रहे।अल्लाह और उसके रसूल के बताए हुए सीधे और सच्चाई के रास्ते पर चले। उन्होंने कहा कि रमजान का महीना जिंदगी में तब्दीली के लिए आता है। रोजे की हालत में जिस तरह हम अपने आप को गुनाह के कामों से बचाते थे, रमजान के बाद भी हम गुनाह के कामों से अपने आप को बचायें, तब समझिए कि आपने रमजान के सिद्धांतों पर अमल किया। मौलाना शमशीर कासमी ने कहा इस्लाम की शिक्षा यह है कि धरती पर जो लोग भी बसते हैं उनका धर्म कुछ भी हो, उनके साथ दया करो। उनके दुख दर्द में काम आओ, अल्लाह ताला आप पर भी रहम करेगा।मौलाना शमशीर क़ासमी ने कहा कि ईद की खुशी में गरीब, कमजोर, बेसहारा लोगों को भी शामिल करें। ईद पर उनकी ज्यादा से ज्यादा मदद करें, ताकि गरीब लोग भी ईद मना सकें।इससे ग़रीबों के साथ साथ हम सबकी खुशियों में भी इज़ाफ़ा होगा।

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