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उच्च शिक्षा में परिणाम-आधारित शिक्षा पर कार्यशाला ग्लोकल विश्वविद्यालय में आयोजित

उच्च शिक्षा में परिणाम-आधारित शिक्षा पर कार्यशाला ग्लोकल विश्वविद्यालय में आयोजित

रिपोर्ट-अमान उल्ला खान

सहारनपुर-ग्लोकल विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर डॉ. पी. के. भारती की प्रेरणा से ग्लोकल विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा में परिणाम-आधारित शिक्षा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ ग्लोकल विश्वविद्यालय के विशाल सभागार में दीप प्रज्ज्वलित कर के किया गया। तत्पश्चात् प्रतिकुलपति प्रोफेसर डॉ. सतीश कुमार शर्मा, प्रतिकुलपति प्रोफेसर डॉ. पी.के. मिश्रा, कुलसचिव प्रोफेसर डॉ. एस.पी. पाण्डे के द्वारा अतिथियों को पुष्पगुच्छ, शॉल एवं प्रतिक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।इस कार्यशाला का स्वागत भाषण एवं ओपनिंग रिमार्क इस कार्यक्रम के ओर्गनइजिंग चेयर प्रतिकुलपति प्रोफेसर डॉ. सतीश कुमार शर्मा ने दिया।  इस कार्यशाला का संयोजन डी.एस.डब्लू स्वर्णिमा सिंह के द्वारा किया गया। इस कार्यशाला  का सह-संयोजन चीफ प्रॉक्टर जमीरुल इस्लाम, जनसंपर्क अधिकारी डॉ. मोहम्मद वाजिद खान, डॉ. विजय कुमार, डॉ. मोहम्मद् यूसुफ, डॉ. वसीम अहमद एवं हिना राजपूत के द्वारा किया गया। इस कार्यशाला का संचालन गौतम पावर के द्वारा किया गया।  

इस कार्यशाला  के  मुख्य वक्ताओं ने उच्च शिक्षा में परिणाम-आधारित शिक्षा के विभिन्न पहलुओ पर प्रकाश डाला जिसमें कार्यशाला के पहले सत्र में गाजियाबाद की केआईईटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की प्रोफेसर डॉ. रंचय भटेजा ने "उच्च शिक्षा में परिणाम-आधारित शिक्षा की उभरती भूमिका" पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला के दूसरे सत्र में गाजियाबाद के ABESIT ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के  प्रोफेसर और IQAC हेड  डॉ. सुबोध कुमार शर्मा ने "परिणामों का डिज़ाइन और मैपिंग एवं व्यावहारिक गतिविधियाँ" विषय पर चर्चा की। कार्यशाला के तीसरे सत्र में डीआईटी यूनिवर्सिटी, देहरादून के स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल एंड पॉपुलेशन हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स के हेड डॉ. मंदीप कुमार अरोड़ा ने "ब्लूम टैक्सोनॉमी: परिणाम-आधारित तकनीकी शिक्षा की ओर एक दृष्टिकोण" पर विचार साझा किए।इस कार्यक्रम का समापन व्याख्यान और धन्यवाद ज्ञापन प्रतिकुलपति प्रोफेसर डॉ. पी.के. मिश्रा के द्वारा किया गया और कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के द्वारा हुआ। इस कार्यक्रम में उपर्युक्त गणमान्यों के साथ साथ सीएफओ ए.पी. सिंह (सी.ए), डॉ. रेशमा ताहिर, प्रोफेसर संजय कुमार, प्रोफेसर प्रीतम सिंह पवार सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शैक्षिक कर्मचारियों के साथ शोधार्थियों नें भी अत्यंत उत्साह के साथ प्रतिभाग किया।

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