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सहारनपुर जिले की चीनी मिलों पर अभी भी क

सहारनपुर मंडल की चीनी मिलों पर 1000 करोड रुपए से अधिक गन्ना भुगतान बकाया-भगत सिंह वर्मा

सहारनपुर जिले की चीनी मिलों पर अभी भी करोडो रुपए गन्ना भुगतान बकाया- भगत सिंह वर्मा

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर -सहारनपुर जिले की चीनी मिलों पर गन्ना सीजन बंद होने के बाद अभी भी जिले के गन्ना किसानों का 292 करोड रुपए गन्ना भुगतान बकाया है। पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज सहारनपुर मंडल की चीनी मिलों पर 1700 करोड रुपए और सहारनपुर जिले की चीनी मिलों पर 650 करोड रुपए ब्याज बकाया है। 

आज यहां पेपर मिल रोड कार्यालय पर एक बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि एक-एक रुपए को मोहताज गन्ना किसानों का सहारनपुर मंडल की चीनी मिलों पर एक हजार करोड रुपए से भी अधिक गन्ना भुगतान बकाया है। पहले से ही सरकार चीनी मिलों से गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी मूल्य तो दूर लागत मूल्य भी समय से नहीं दिला पा रही है। जिसके कारण गन्ना किसानों पर बैंकों सहकारी समितियां और साहूकारों का कर्ज बढ़ता ही जा रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि शुगर कंट्रोल ऑर्डर 1966 के अनुसार जो चीनी मिल 14 दिन के अंदर गन्ना किसानों को भुगतान नहीं करते हैं उन्हें 15% वार्षिक ब्याज की दर से गन्ना किसानों को ब्याज का भुगतान करना चाहिए। और ब्याज बकाया होने की दशा में ऐसी चीनी मिलों को गन्ना किसानों से दुलाई किराया नहीं काटना चाहिए।  भाजपा की योगी सरकार चीनी मिल मालिकों के प्रभाव में है और उनसे मिली भगत किए हुए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि कृषि यंत्र खाद बीज कीटनाशक दवाई लेबर डीजल महंगा होने के कारण गन्ने के उत्पादन के लागत लगातार बढ़ती जा रही है जो आज बढ़ते हुए 550 रुपए प्रति कुंतल हो गई है। गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी मूल्य तो दूर सरकार लागत मूल्य भी नहीं दिला पा रही है। गन्ना किसानों को खोई बगास के बराबर भी सरकार गन्ने का मूल्य नहीं दिला पा रही है। जबकि गन्ना किसानों के दम पर प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष एक्साइज ड्यूटी से 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक राजस्व प्राप्त हो रहा है। और गन्ने से बनने वाले 1000 उत्पादों से प्रदेश सरकार जीएसटी के रूप में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक राजस्व प्राप्त कर रही है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि गन्ना किसानों की बढ़ती हुई लागत को देखते हुए प्रदेश सरकार को गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल तत्काल घोषित करना चाहिए। और चीनी मिलों से बकाया गन्ना भुगतान व ब्याज तुरंत दिलाना चाहिए। अन्यथा गन्ना किसान चीनी मिलों को गन्ना देना बंद कर देंगे और गन्ना का उत्पादन भी बहुत कम कर देंगे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने कहा कि गन्ना किसानों को जाति बिरादरी व धर्म से ऊपर उठकर एक जुट होकर सरकार व चीनी मिलों मिल मालिकों के खिलाफ बड़ा संघर्ष करना चाहिए। राजेंद्र चौधरी ने केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार से मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़कर किसानों को मजदूर उपलब्ध कराने की भी मांग की। बैठक का संचालन करते हुए राष्ट्रीय सलाहकार रजत शर्मा ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार को गन्ना किसानों की पीड़ा को समझते हुए गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल तत्काल घोषित करना चाहिए। बैठक में भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद फिरोज खान राष्ट्रीय महासचिव रामकुमार नेताजी राष्ट्रीय सलाहकार हाफिज मुर्तजा त्यागी प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित नीरज कपिल प्रदेश उपाध्यक्ष राव शाहिद प्रधान प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक प्रदेश सचिव डॉ परविंदर मलिक मंडल उपाध्यक्ष कृपाल सिंह मंडल मीडिया प्रभारी दुष्यंत सिंह जिला संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह एडवोकेट जिला मंत्री दीपक चौधरी गुर्जर जिला उपाध्यक्ष वसीम जहीरपुर आदि ने भाग लिया। 


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