जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी – यही है असली लोकतंत्र की तैयारी-डॉ संजय कुमार निषाद
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर-उत्तर प्रदेश सरकार के मा० मत्स्य मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने आज जनपद सहारनपुर के जनमंच सभागार में आयोजित मंडलीय मत्स्य पालक गोष्ठी को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालकों के लिए चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी तथा मछुआ समाज से इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की। मा० मंत्री जी ने बैठक के दौरान मत्स्य पालकों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मछुआ दुर्घटना बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड (मत्स्य पालन क्षेत्र हेतु), सघन मत्स्य पालन एरियेशन सिस्टम, निषाद राज बोट योजना, माता सुकेता केज सिस्टम, मत्स्य पालक कल्याण कोष (शिक्षा, चिकित्सा, आवास, विवाह, दैवीय आपदा एवं अन्य) सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
मा० मंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि मछुआ समाज को आत्मनिर्भर बनाया जाए, जिसके लिए तालाबों एवं जलाशयों का पारदर्शी तरीके से पट्टा वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अवैध कब्जों को हटाने की दिशा में भी सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है।पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि ग्राम समाज, मत्स्य विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग तथा अन्य विभागों के अंतर्गत आने वाले तालाबों और जलाशयों पर अवैध कब्जों की समस्या को दूर करने हेतु प्रदेश सरकार की पहल पर लखनऊ में राजस्व एवं मत्स्य विभाग की संयुक्त बैठक हुई है। इस बैठक में तय किया गया है कि सभी जनपदों में 100% तालाबों का पट्टा सुनिश्चित किया जाएगा। मा० मंत्री जी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में चहेतों और भूमाफियाओं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सरकारी जमीनों पर कब्जा बरकरार रखा गया और मछुआ समाज को वंचित किया गया। वर्तमान सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप अब तक प्रदेश के लगभग 80% तालाबों की नीलामी हो चुकी है, जबकि शेष 20% तालाबों से अवैध कब्जा हटाने की प्रक्रिया तेज़ी से जारी है। बहुत जल्द 100% पट्टा वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ग्राम समाज के तालाबों की नीलामी से प्राप्त धनराशि सीधे ग्राम प्रधान को प्राप्त होगी, जिसका उपयोग ग्राम विकास के कार्यों में किया जाएगा। प्रदेश सरकार मत्स्य पालकों और मछुआ समाज के लिए धरातल पर काम कर रही है। ग़रीब मछुआ समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया जा रहा है।आज आपातकाल की बरसी पर बोलते हुए मा० मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने कहा कि जब-जब कांग्रेस सत्ता में रही है, उसकी मानसिकता तानाशाही और लोकतंत्र का गला घोंटने वाली रही है। वर्ष 1975 में लगाए गए आपातकाल को उन्होंने देश के लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को देश की जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने जो किया वह किसी अपराध से कम नहीं था। डॉ. निषाद जी ने कहा कि आज देश की जनता ने ऐसे तानाशाही प्रवृत्ति के शासन को नकारते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास जताया है और उनकी जनकल्याणकारी नीतियों पर अपनी मुहर लगाई है। अब कोई भी सत्ता में आकर संविधान से छेड़छाड़ नहीं कर सकता – यह जनता ने अपने मत से स्पष्ट कर दिया है।जातीय जनगणना के मुद्दे पर मा० मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने कहा कि निषाद पार्टी के गठन से लेकर आज तक वह लगातार जातीय जनगणना की मांग करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, और इसके लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने आज़ाद भारत में पहली बार जातीय आधार पर जनगणना कराने का साहसिक निर्णय लिया। डॉ. निषाद जी ने कहा कि इस जनगणना से यह स्पष्ट हो जाएगा कि किन जातियों को अब तक संविधान में दिए गए लाभों का वास्तविक फायदा मिला है और किन जातियों को आज भी हाशिए पर रखा गया है। इससे सरकार को सही वर्गों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी और सामाजिक असमानता दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकेंगे। डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने कहा कि निषाद पार्टी का मूल मंत्र रहा है “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी”, और अब समय आ गया है कि इस सिद्धांत को नीति और शासन में पूरी मजबूती के साथ लागू किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सामाजिक न्याय और समान अवसर की भावना तभी साकार होगी जब जनसंख्या के अनुपात में सभी जातियों को उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
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