सात साल पुरानी हत्या का फैसला, पिता-पुत्र समेत चार दोषियों को आजीवन कारावास।
रिपोर्ट समीर चौधरी
देवबंद- सात साल पूर्व खेत पर चारा लेने गए युवक की हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनित कुमार वासवानी की अदालत ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने पिता-पुत्र समेत चार आरोपियों को गौरव उर्फ गोल्डी की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और प्रत्येक पर 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में दोषियों को दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
घटना 27 सितंबर 2018 की है, जब बडगांव थाना क्षेत्र के गांव जडोदापांडा निवासी नरेश अपने पुत्र गौरव उर्फ गोल्डी के साथ खेत पर चारा लेने गया था। तभी गांव के ही चार लोगों ने खेत में आकर गौरव की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। हत्या के पीछे परिवार में मकान के बंटवारे की पुरानी रंजिश को कारण बताया गया था। हमले के समय गौरव के पिता नरेश ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई थी।इस मामले में नरेश ने अपने भाई वीरेंद्र, भतीजे विनीत और रिश्तेदार सोनू उर्फ संजय व उमेश उर्फ टीटू के खिलाफ बडगांव थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। घटना के बाद से ही मामला अदालत में विचाराधीन था।सोमवार को अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद, न्यायालय ने चारों आरोपियों को हत्या का दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया। यह निर्णय न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि समाज में कानून के प्रति विश्वास को भी मजबूत करता है। न्यायालय के इस निर्णय से मृतक के परिजनों ने संतोष जताया है, जबकि गांव में इस फैसले को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है।
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