देहरादून में नई पहलः दून बासमती और पोषक आटा उत्पादों का भव्य शुभारंभ
स्थानीय उत्पाद व सामुदायिक संस्थाएं ग्रामीण विकास की शक्तियां-सीडीओ
रिपोर्ट श्रवण झा
देहरादून- पारंपरिक कृषि, मूल्य संवर्धन तथा महिला नेतृत्व वाले ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत पारंपरिक दून बासमती चावल तथा विभिन्न पोषक आटा उत्पादों का मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह द्वारा विकास भवन परिसर स्थित हिलांस बेकरी एवं आउटलेट परिसर में औपचारिक शुभारंभ किया गया।इस अवसर पर पारंपरिक दून बासमती चावल,गेहूं आटा,मक्का आटा,मल्टीग्रेन आटा तथा मंडुवा (फिंगर मिलेट) आटा का लोकार्पण किया गया।
ये सभी उत्पाद सक्षम क्लस्टर लेवल फेडरेशन,स्वाभिमान महिला क्लस्टर लेवल फेडरेशन एवं उड़ान क्लस्टर लेवल फेडरेशन द्वारा उत्पादित एवं प्रसंस्कृत किए गए हैं।यह पहल ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) के अंतर्गत उत्तराखंड ग्राम्य विकास समिति द्वारा ग्राम्य विकास विभाग के सहयोग से संचालित की जा रही है। कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने स्थानीय उत्पादों,पारंपरिक फसलों तथा सामुदायिक संस्थाओं को सशक्त बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहलें किसानों और स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बाजार से जोड़ने के साथ-साथ उत्तराखंड में सतत आजीविका और ग्रामीण आर्थिक विकास को नई गति देती हैं।रीप परियोजना के अंतर्गत क्लस्टर लेवल फेडरेशनों को प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना हेतु वित्तीय एवं तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया है।उड़ान सीएफएफ द्वारा आटा प्रसंस्करण इकाई स्थापित की गई है,जिससे स्थानीय किसानों से सीधे गेहूं मंडुआ एवं मक्का की खरीद संभव हुई है। वहीं सक्षम सीएलएफ पारंपरिक दून बासमती चावल के उत्पादन,प्रसंस्करण एवं विपणन को बढ़ावा दे रही है.जबकि स्वाभिमान महिला सीएलएफ मिलेट आधारित उत्पादों के माध्यम से पोषण सुरक्षा एवं पारंपरिक खाद्य प्रणाली के पुनर्जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।इन उद्यमों के माध्यम से कच्चे माल की आपूर्ति,प्रसंस्करण,पैकेजिंग एवं विपणन गतिविधियों में 2500 से अधिक महिलाएं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रही हैं। सभी उत्पादों का विपणन हिलांस ब्रांड के अंतर्गत किया जा रहा है,जिससे उपभोक्ताओं को शुद्ध,उच्च गुणवत्ता वाले स्थानीय हिमालयी उत्पाद उपलब्ध हो रहे हैं तथा ग्रामीण महिलाओं की मेहनत और उद्यमशीलता को पहचान मिल रही है।जिला परियोजना प्रबंधक कैलाश चन्द्र भट्ट ने कहा कि यह पहल स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने,उत्पादक संस्थाओं को मजबूत करने तथा पारंपरिक एवं मूल्यवर्धित उत्पादों की बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार,जिला मिशन प्रबंधक/सहायक परियोजना निदेशक,सोनम गुप्ता सिंघल तथा रीप स्टाफ एवं कलस्टर लेवल फेडरेशनों के बोर्ड सदस्य उपस्थित रहे।
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