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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट के स्थाई बैच स्थापित करने की मांग को लेकर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

 पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट के स्थाई बैच स्थापित करने की मांग को लेकर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट के स्थाई बैच स्थापित करने की मांग को लेकर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने महामाहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा

ज्ञापन के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट जो अब प्रयागराज हाइकोर्ट के नाम से जाना जाता है जिसका मुख्यालय प्रयागराज में स्थित है। यह उत्तर प्रदेश राज्य का एकमात्र हाईकोर्ट है, जिसकी क्षेत्राधिकार पूरे राज्य पर है। वर्तमान में, इसके केवल एक स्थायी बेंच है, जो लखनऊ में स्थित है। अन्य कोई स्थायी बेंच नहीं है, हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में इसकी स्थाई बेंच स्थापित करने की मांग लंबे समय से चल रही है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। क्षेत्रीय न्याय उपलब्धता तथा न्यायिक समानता के दृष्टिकोण से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की स्थायी बेंच की स्थापना आज अत्यंत आवश्यक हो चुकी है। कि प्रयागराज में मुख्यालय के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय ही उत्तर प्रदेश का एकमात्र उच्च न्यायालय है। वर्तमान में केवल लखनऊ में एकमात्र स्थायी बेंच कार्यरत है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश-विशेषकर मेरठ में पिछले कई दशकों से बेंच स्थापना की मांग पक्ल है, परंतु आज तक स्वीकृति नहीं मिल सकी है। यह तथ्य अत्यंत महत्वपूर्ण है कि लगभग 54% वाद पश्चिमी यूपी से उच्च न्यायालय में आते हैं, किंतु इतने विशाल जनपदों, जनसंख्या और वाद-भार के बावजूद यहां कोई स्थायी बेंच उपलब्ध नहीं है। न्याय के सुगम एवं किफायती उपलब्धता (Access to Justice) हेतु यह स्थिति वादकारियों पर अन्यायपूर्ण बोड़ा डालती है।इलाहाबाद हाई कोर्ट के फुल कोर्ट की संस्तुति इस विषय में अत्यंत निर्णायक भूमिका रखती है। अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि उपरोक्त तर्थ्यो एवं संवैधानिक प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की स्थायी बेंच स्थापित किए जाने के विषय परं गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए आवश्यक दिशानिर्देश निर्मित करें। इससे न्याय तक पहुंच सुदृढ़ होगी, वादकारियों का बोझ कम होमा, लंबित वादों के निस्तारण में गति आएगी तथा संविधान की मूल भावना न्याय सबके लिए-का वास्तविक रूप से विस्तार होगा। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से कारी रशीद,अहमद, इश्तियाक, शोएब, चौधरी इसरार,काशिफ,मोहम्मद अली,शमीम ,अयूब, नईम, दानिश आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे

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