खाटू श्याम की कथा बलिदान की महागाथा-स्वामी कालेंद्रानंद
रिपोर्ट नदीम निजामी
सहारनपुर-गंगोह नगर में चल रही श्रीमद् खाटू श्याम कथा में स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा महाभारत में शीश के दान ने बर्बरीक को कलयुग का श्याम देव बना दिया। श्री बांके बिहारी सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् खाटू श्याम कथा मोहल्ला मखदूम सराय मैं तृतीय दिवस की कथा में मुख्य अजमान त्रिभुवन शर्मा अमित सैनी ने परिवार सहित श्याम बाबा का पूजन किया और व्यासपीठ का पूजन कर महाराज श्री को तिलक कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्रीमद् खाटू श्याम कथा में प्रवचन करते हुए स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा कि महाभारत के युद्ध में 14 वर्षीय बर्बरीक ने भगवान श्री कृष्ण को अपना शीश का दान उस अवस्था में किया जब उनके पास तीन बाणो की ऐसी शक्ति थी कि वे पूरी सृष्टि को विनाश में परिवर्तित कर सकते थे और महाभारत के युद्ध को क्षण भर में समाप्त कर सकते थे परंतु उन्होंने धर्म की विधि पर अपना बलिदान देना ही सर्वोच्च कर्म समझा और भगवान श्री कृष्ण को सहर्ष अपना शीश दान कर दिया तब भगवान श्री कृष्ण ने बोझिल नेत्रों से प्रसन्न होकर उन्हें अपनी समस्त शक्तियां प्रदान की और उन्हें श्याम नाम से विख्यात होने का वरदान दिया और कहा आने वाले कलयुग में तुम धर्म रक्षक जागृत देव के रूप से पूजे जाओगे, बलिदान की गाथा एक इतिहास बनकर बड़े-बड़े संतो के द्वारा आपका चरित्र का गाया जाएगा महाराज श्री ने कहा जो जीव धर्म की वेदी पर अपना सर्वस्व अर्पण कर अपने जीवन का बलिदान धर्म के लिए करता है वह आने वाले लोगों के लिए एक इतिहास एक अमर कथा बनकर युगो तक लोगों का पथ प्रदर्शक का कार्य करता है। उन्होंने कहा खाटू श्याम की कथा बलिदान की महागाथा है जिसका अनुसरण कर प्रत्येक जीव अपने जीवन को सर्वोच्च शिखर पर स्थापित कर संसार के लिए एक संदेश बन सकता है। इस अवसर पर राकेश शर्मा सुभाष चंद सैनी धन प्रकाश शर्मा त्रिभुवन शर्मा अमित सैनी अंकुर सैनी आदि रहे

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