जांच में खानापूर्ति, जांच अधिकारी की निष्पक्षता पर उठाए सवाल? डीपीआरओ ने दिया निष्पक्ष जांच का भरोसा
सहारनपुर- ग्राम पंचायत नागल के व्यापक भ्रष्टाचार की जांच में महज औपचारिकता पूरी करने का आरोप लगाते पीड़ित ने जिला पंचायत राज अधिकारी से जांच की मांग की है।
सामाजिक कार्यकर्त्ता इखलाक ने जिला पंचायत राज अधिकारी से भेंट कर बताया कि उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 95(1) (छ) के साथ पठित उत्तर प्रदेश पंचायत राज जांच नियमावली 1997 के अधीन ग्राम पंचायत नागल के विरुद्ध विभिन्न कार्यों में किए गए भ्रष्टाचार से संबंधित चार शिकायती पत्र (5 अगस्त 2019 से 20 अक्टूबर 2020 व 25 फरवरी 2020 से 30 जून 2020 तक) प्रेषित किए गए थे जिनकी जांच हेतु नियुक्त अधिकारी शिप्रा शर्मा द्वारा प्रारंभिक जांच उपरांत की गई कार्यवाही से अवगत नही कराया गया है। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को बताया कि शिकायतकर्ता को आरटीआई के माध्यम से पता चला कि प्रारंभिक जांच में शिकायती पत्र में दिए गए तथ्यों एवं साक्ष्यो का संज्ञान नहीं लिया गया है तथा जांच के नाम पर जांच अधिकारी द्वारा खानापूर्ति कर फाइल बंद कर दी गई है। शिकायतकर्ता ने रोशनी व्यवस्था में किए जा रहे घोटाले पर एक तथ्य देते हुए बताया कि जांच अधिकारी द्वारा लाइटो की संख्या पूरी करने की कोशिश की गई है जिससे संबंधित लोगो को बचाया जा सके जबकि स्ट्रीट लाइट कितने मूल्य में खरीदी है इस तथ्य को आख्या रिपोर्ट से ही गायब कर दिया है जिससे अधिकारियों में निष्पक्षता का भाव नगण्य प्रतीत होता है। शिकायतकर्ता ने डीपीआरओ से मुलाकात करते हुए समस्या का निस्तारण कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। जिसपर जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक शर्मा ने जल्द ही निष्पक्ष जांच कराकर कार्यवाही करने की बात कही है।
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