देश में यदि कोई धर्म ग्रंथ है तो सिर्फ भारतीय संविधान है-देशराज कर्णवाल
रिपोर्ट -एसडी गौतम
देहरादून-संविधान निर्माता, भारत रत्न, बोधीसत्व बाबासाहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर देहरादून के सेवला कलां स्थित अंबेडकर भवन मे श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
सर्व प्रथम उपस्थित सभी वक्ताओं ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा राष्ट्र के प्रति उनके अमूल्य योगदान का भी स्मरण किया। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व राज्यमंत्री रामकुमार वालिया ने कहा कि बाबासाहब अम्बेडकर दलित समाज ही नही सर्वसमाज के लोकप्रिय नेता है उन्होंने देश के दलित वंचित समाज के उत्थान के लिए संघर्ष कर भारतीय संविधान में अलग पहचान मिली है। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि जो लोग वैचारिक भ्रांतिया फैला रहे हैं कि संविधान बदला जा रहा है में उन मूर्खो से पूछना चाहता हूं कि देश के पीएम श्री नरेंद्र मोदी द्वारा संविधान दिवस मनाने की पहल की गई और विशेष सत्र बुलाकर संसद में कहा कि इस देश में यदि कोई धर्म ग्रंथ है तो सिर्फ भारतीय संविधान है। बाबासाहब के नाम पर पंचतीर्थ स्थान बनाकर एससी एसटी एक्ट को मजबूत करने वाले क्या संविधान बदलेंगे? उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति चाहे वह किसी भी दल या संगठन से हो संविधान की तरफ उंगली उठाने का काम करेगा तो मै उसकी उंगली काटने का काम करूंगा। श्रद्धांजलि सभा में प्रो. सुमेर चंद, इंजी. सतेन्द्र कुमार, इंजी. ताराचंद व पत्रकार एसडी गौतम ने संयुक्त रूप से विचार रखते हुए कहा कि भारतीय संविधान सुरक्षित है तो देश सुरक्षित है उन्होंने सभी से मिशन मूवमेंट को गति देने की बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृष्णलाल व संचालन कर्मचंद ने किया। इस अवसर पर रमेश चंद, प्रीतम सिंह कुलवंशी, नेत्रपाल, बृजपाल, चंद्रपाल, वीरेंद्र सिंह, आदेश पालीवाल, मुन्नू गिरी, राहुल वालिया व किरण सिंह समेत आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
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