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भारत की संस्कृति की पहचान लोक कलाओं के अंदर समाहित-डा0दिनेश चन्द्र

भारत की संस्कृति की पहचान लोक कलाओं के अंदर समाहित-डा0दिनेश चन्द्र 

रिपोर्ट-अमान उल्ला खान

सहारनपुर-उ०प्र० शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुक्रम में उ०प्र० पर्व हमारी संस्कृति हमारी पहचान संस्कृति उत्सव 2024 तहसील सहारनपुर जनपद राहारनपुर के अन्तर्गत जनमंच प्रेक्षागृह सभागार में तहसील स्तरीय प्रतियोगिता "संस्कृति महोत्सव 2024" का आयोजन किया गया। उक्त महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में मा० विधायक श्री राजीव गुम्बर जी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में जिलाधिकारी  डा० दिनेश चन्द्र एवं अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) डा० अर्चना द्विवेदी शामिल हुए। निर्णायक मण्डल के रूप में गुरू पंडित रोशन लाल वर्मा जी (ग्वालियर घराना), श्री सन्दीप राणा जी एवं श्री शिवा रोशन रहें। 

कार्यक्रम में आर्य कन्या इण्टर कॉलेज सहारनपुर, दिगम्बर जैन कन्या इण्टर कॉलेज सहारनपुर, गुरू नानक कन्या इण्टर कॉलेज सहारनपुर, जे०बी०एस० हिन्दू कन्या इण्टर कॉलेज सहारनपुर, सरस्वती संगीत अकादमी सहारनपुर, वैष्णव नृत्यालय एवं अन्य स्कूलों के प्रतिभागियों द्वारा एकल नृत्य, लोक नृत्य, लोक गीत, शास्त्रीय गायन एवं शास्त्रीय वादन (हारमोनियम, बांसूरी वादन आदि) विद्याओं में प्रतिभाग किया गया। गायन क्षेत्र में सरस्वती संगीत अकादमी से श्री अरिन्दम, वादन क्षेत्र में गुरु नानक ब्वाइज इण्टर कॉलेज सहारनपुर के श्री गुलाब सिंह, लोक नृत्य क्षेत्र में जे०बी०एस० हिन्दु कन्या इण्टर कॉलेज सहारनपुर के कुमारी सना, नेहल, समीक्षा, खुशी, आरजू, सुहाना, सबा, सीबा, रोजी, नौसीन, मन्नत, ग्रेसी, एकल नृत्य क्षेत्र में आर्य कन्या इण्टर कॉलेज की कुमारी कृष्णा शर्मा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। उपरोक्त विजेताओं द्वारा जिला स्तर पर आयोजित संस्कृति महोत्सव में प्रतिभाग किया जाएगा। जिलाधिकारी डा० दिनेश चन्द्र  द्वारा बच्चों को प्रेरित करते हुए संबोधित किया कि भारत की संस्कृति की पहचान लोक कलाओं को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में उक्त कार्यक्रम संस्कृति महोत्सव 2024 का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बच्चों को अपनी संस्कृति को पहचानने एवं उसे आगे बढाने की प्रेरणा मिलेगी। मा० विधायक श्री राजीव गुम्बर जी ने बच्चों का होसला बढाते हुए कहा की ये जो लोक वेशभूषा में सजकर बच्चे कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे है, यही हमारी वास्तविक संस्कृति है।

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