Ticker

6/recent/ticker-posts

प्रभाकर जी का साहित्य मानवीय चेतना का साहित्य-वीरेन्द्र आज़म

प्रभाकर जी का साहित्य मानवीय चेतना का साहित्य-वीरेन्द्र आज़म

साहित्यकार डॉ. वीरेन्द्र आजम, विजेंद्रपाल शर्मा व राजीव उपाध्याय ‘‘श्री सम्मान’’ से सम्मानित

रिपोर्ट-अमान उल्ला खान

सहारनपुर- शोभित विश्वविद्यालय, हिन्दुस्तानी एकेडमी प्रयागराज व ट्रांस्फार्मिंग इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित साहित्योत्सव-2024 में सहारनपुर के साहित्यकार डॉ. वीरेन्द्र आज़म को ‘‘श्री सम्मान’’ से सम्मानित किया गया है। देश के प्रख्यात साहित्यकार, शैलीकार पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी पद्मश्री डॉ.कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर की स्मृति में आयोजित समारोह में यह सम्मान शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंअर शेखर विजेन्द्र ने प्रदान किया। इसके अलावा कवि डॉ.विजेन्द्र पाल शर्मा व लेखक राजीव उपाध्याय को भी श्री सम्मान से सम्मानित किया गया है। विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित उक्त समारोह में राजीव की पुस्तक ‘ऐसे है श्रीराम’ का भी लोकार्पण किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि जाने माने पर्यावरणविद् डॉ. एस के उपाध्याय रहे। 

समारोह में डॉ.कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर के व्यक्तित्व, कृतित्व पर आख्यान देते हुए डॉ.वीरेन्द्र आजम ने उन्हें रिपोर्ताज विधा का जनक बताते हुए कहा कि उन्होंने सबसे पहला रिपोर्ताज 1927 में गुरुकुल कांगड़ी के रजत जयंती समारोह पर और दूसरा रिपोर्ताज देवबंद के चैती मेले पर लिखा था। उन्होंने कहा कि प्रभाकर जी का साहित्य मानवीय चेतना का साहित्य है। उनके जीवन, कर्म, विचार, साहित्य और पत्रकारिता में मानवता समान रुप से विद्यमान है। प्रभाकर जी अपनी मानवीय चेतना के साथ अपनी प्रत्येक कृति और रचना में मौजूद हैं। उनका सम्पूर्ण जीवन मानव सेवा और राष्ट्रसेवा को समर्पित रहा। उनका साहित्य मानव की मन स्थिति को दीनता से महानता में, संकीर्णता से उदात्तता में और विध्वंस से रचनात्मकता में परिवर्तित करने की संशोधनशाला है। इसके अतिरिक्त डॉ.विजेंद्र पाल शर्मा ने भी उनके रिपोर्ताज पर प्रकाश डाला। वी के डोभाल, मनोज रस्तोगी व डॉ. शारदा ने भी विचार व्यक्त किये।  कार्यक्रम का संचालन राजीव उपाध्याय यायावर ने किया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

एरोन एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी ने धूमधाम के साथ मनाया स्थापना दिवस