भाजपा से बढ़ती नजदीकियां के बीच रालोद से सीटों पर सहमति बनने के प्रयास जारी
भाजपा की पहल पर रालोद का सकारात्मक रुझान, आधिकारिक घोषणा कुछ दिनों में
राज्यसभा में विपक्ष छोड़ सरकार के खेमे में बैठे जयंत, पीएम मोदी को जमकर सराहा
रिपोर्ट-अमित मोनू यादव
सहारनपुर-2024 के लोकसभा चुनावों में अब कुछ ही दिनों का समय बचा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्तारूढ़ एनडीए को इस बार 400 पार सीटों का लक्ष्य दिया हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के इस लक्ष्य को पूरा करने में भाजपा और उससे सहयोगी दल जी जान से जुटे हुए है। इसी क्रम में पश्चिम यूपी में बीते हफ्ते से चली आ रही सियासी उठापटक के बीच रालोद के इंडिया गठबंधन को अलविदा कहने के साथ एनडीए परिवार का हिस्सा बनने की कवायद पर जल्द ही विराम लग सकता है।
गौरतलब है बीजेपी अपने नेतृत्व वाले एनडीए कुनबे की ताकत बढ़ाने के लिए छोटे दलों को अपने साथ जोड़ रही है। वही पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को 'भारत रत्न' देने के ऐलान को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है. बता दे कि भाजपा उत्तर प्रदेश में अपनी सीटों की संख्या को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी के साथ साकारात्मक बातचीत जारी है।जयंत चौधरी यूपी में पहले से ही अखिलेश यादव की पार्टी सपा के साथ गठबंधन में हैं. दोनों के बीच सीटों को लेकर पहले ही डील हो चुकी है. लेकिन एनडीए में शामिल होने के लिए उन्होंने कुछ शर्तें रखी थी जिसमे उन्होंने अपने दादा चौधरी चौधरी चरण सिंह के लिए भारत रत्न सम्मान की शर्त को भी शामिल किया था। उधर मोदी सरकार ने चौधरी चरण सिंह के लिए देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' का ऐलान करके जयंत चौधरी को अपने पाले में करने का कदम उठा लिया है.हालाकि सीट बटवारा को लेकर मीडिया में आई खबरों पर रालोद की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। उधर चर्चा ये भी है कि अलायंस के फॉर्मूले पर लगभग सहमति बन गई है और आरएलडी के बीजेपी के साथ जाने की बात तय है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रालोद अगले हफ्ते एनडीए में शामिल हो जायेगी। सियासी गलियारे से आई खबरों को माने तो भाजपा और रालोद के बीच सीटों के बटवारे को लेकर अंतिम सहमति अभी बाकी है। क्यों टूटा रहा सपा और रालोद का गठबंधन उल्लेखनीय है कि यूपी में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व सपा कर रही है और ऐसे में सपा ने आरएलडी को गठबंधन के तहत 7 सीटें दी हैं. लेकिन सपा ने जो 7 सीटें आरएलडी को लोकसभा चुनाव में दी हैं, उनमें से वो कैराना ,हाथरस ,बिजनौर और मुजफरनगर सीटों पर अपने उम्मीदवार को आरएलडी के चुनाव चिह्न पर लड़ना चाहती है। रालोद नेताओं ने कैराना और बिजनौर सीट सपा के बताए प्रत्याशियों को देने पर सहमति भी दे दी थी लेकिन मुजफ्फरनगर और हाथरस सीट पर रालोद सपा के उम्मीदवारों को उतारे जाने के पक्ष में नहीं थी।
0 टिप्पणियाँ