अक्षय तृतीया पर्व जैन धर्मावलंबियों द्वारा धूमधाम और हर्षोलास के साथ भक्तांबर स्तोत्र का पाठ करते हुए मनाया
रिपोर्ट-नदीम निज़ामी
नकुड़- नगर के श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में अक्षय तृतीया पर्व जैन धर्मावलंबियों द्वारा बड़े ही धूमधाम और हर्षोलास के साथ भक्तांबर स्तोत्र का पाठ करते हुए मनाया गया। अक्षय तृतीया पर्व पर आदिनाथ भगवान की 48 से दीपक से आरती की गई।
अक्षय तृतीया जैन धर्मावलंबियों का महान धार्मिक पर्व है। शुक्रवार की रात्रिभक्तांबर स्तोत्र का पाठ करते हुए स्वाध्याय मंडल से श्रीमती नीलम जैन, जैन मिलन के महामंत्री पंकज जैन ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान का एक वर्ष की तपस्या पूर्ण करने के पश्चात हस्तिनापुर के राजा श्रेयांश द्वारा इक्षु रस द्वारा पारायण कराया गया था। जैन धर्म के अनुसार गन्ने के रस को ईक्षु रस भी कहते हैं इस कारण यह दिन अक्षय तृतीया के नाम से विख्यात हो गया।अक्षय तृतीया के अवसर पर भक्तांबर स्तोत्र पाठ करते हुए संदीप जैन शास्त्री, अपूर्वा जैन ने 48 दीपक द्वारा आदिनाथ भगवान की आरती के पश्चात सभी जैन श्रद्धालुओं का गन्ने के रस द्वारा स्वागत किया गया।अक्षय तृतीया के अवसर पर भक्तांबर पाठ करने वालों में पंकज जैन, राजेश जैन राजू, विवेक जैन, पंकज जैन सर्राफ,सुनील जैन,अवनीश जैन,संयम जैन,सारिका जैन,शबनम जैन,बीना जैन,दीपिका जैन,वर्षा जैन,श्रुति जैन,टीना जैन,सुनीता जैन,प्रिया जैन,सिद्धि जैन,आदि जैन सहित काफी संख्या में जैन श्रद्धालु रहे।
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