स्मार्ट सिटी की 74 परियोजनाएं हो चुकी हैं पूरी, 29 पर चल रहा है कार्य
एसएससीएल बोर्ड बैठक में की गयी स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की समीक्षा
डीजीएम सिविल ने बताया कि अम्बाला रोड पर हेवीटेट सेंटर का निर्माण, लिंक रोड स्थित पुराने सब्जी मण्डी स्थल पर एक सौ दुकानों का निर्माण, महाड़ी पर तालाब का निर्माण, नूरबस्ती मंें ट्रांजिस्ट हॉस्टल, स्मार्ट सिटी गैराज का निर्माण, जीआईसी परिसर में मल्टी परपज हॉल, जनमंच के निकट कन्वेशन हॉल का निर्माण, राकेश सिनेमा के निकट पुल निर्माण, मानकमऊ में इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन, ढमोला किनारे इंटरमीडिएट पम्पिंग स्टेशन, कंपनी बाग का विकास एवं पुनरोद्धार आदि परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। बोर्ड द्वारा मछली बाजार रोड व प्रताप मार्किट रोड के निर्माण की स्वीकृति इस प्रतिबंध के साथ दी गयी कि यदि स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट में धनराशि बच रही हो तो दोनों सड़कों पर ब्लैक टॉप से रिनीवल करा दिया जाए। नाली व फुटपाथ का कार्य किसी अन्य स्त्रोत से किया जायेगा।स्मार्ट सिटी चेयरमैन डॉ. यशोद ने विद्युत विभाग द्वारा रोड रेस्टोरेशन न करने व कार्य समय से पूरा न करने पर गहरी नाराजगी जताते हुए परियोजनाओं से सम्बंधित विद्युत अधिकारियों का स्पष्टीकरण लेने तथा विद्युत विभाग द्वारा अंडर ग्राउंड वायरिंग के कार्यो का सत्यापन क्यूसीआई की स्पेशल टीम बुलाकर कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कन्वेशन संेटर को लेकर सी एण्ड ई एस के सहायक अभियंता को भी फटकार लगायी और स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए। चेयरमैन डॉ. यशोद ने सभी कार्यदायी संस्थाओं को स्पष्ट कहा कि टाइम ओवर रन तथा कोस्ट ओवर रन, दोनों ही स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने निर्माणाधीन परियोजनाओं का कार्य शीघ्रताशीघ्र पूरा करने पर बल दिया। बोर्ड बैठक में अनेक वित्तीय विषयों एवं कार्यदायी संस्थाओं के भुगतान पर भी विचार विमर्श किया गया। सीईओ/नगरायुक्त संजय चौहान ने सभी कार्यदायी संस्थाओं को स्पष्ट किया कि स्मार्ट सिटी एक लिमिटेड कंपनी है, इसमें भारत सरकार के जो वित्तीय नियम है उनकी परिधि में ही कार्य किया जाना है। उन्होंने परियोजनाओं के लिए एक रेवेन्यू मॉडल विकसित करने का भी सुझाव दिया। चेयरमैन डॉ. यशोद ने इससे पूर्णतः सहमति जतायी। सीईओ चौहान ने बोर्ड को बताया कि महुआ की गाइड लाइन के मुताबिक जनपदों की सिटी ब्रांडिंग के लिए एक परियोजना टेकअप करने के सम्बंध में विस्तृत निर्देश जारी किये गए थे। उन्होंने सहारनपुर स्मार्ट सिटी की ब्रांडिंग के लिए भी एक प्रोजेक्ट टेकअप करने का सुझाव दिया। जिस पर बोर्ड ने सहमति व्यक्त की। जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि सहारनपुर वुडन सिटी के रुप में जाना जाता है। लेकिन शहर में कोई भी ऐसा स्थान नहीं है जहां काष्ठ कला के आइटम प्रदर्श किये जा सके और बाहर से आने वाले लोग उनका अवलोकन कर सके। उन्होंने इसके लिए कोई स्थान चिह्नित कर उसे विकसित करने का सुझाव दिया। बैठक में जिलाधिकारी दिनेश चंद्र व वीसी एसडीए आशीष के स्थानांतरण होने पर उनके स्थान पर नवागत जिलाधिकारी मनीष बंसल व नवागत वीसी संतोष राय को स्मार्ट सिटी का डायरेक्टर भी मनोनीत किया गया। बैठक में उक्त अधिकारियों के अलावा स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी सी पी सिंह, निगम के मुख्य अभियंता निर्माण व महाप्रबंधक जलकल बी के सिंह, अधिशासी अभियंता जल निगम रुचिन यादव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
0 टिप्पणियाँ