अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित हुई संगोष्ठी
बच्चे कल के भविष्य निर्माता, बाल श्रमिक नियोजित न होने दें - श्वेता
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर-जिलाधिकारी श्री मनीष बंसल के निर्देशों के क्रम में बाल श्रम जैसी सामाजिक कुरीति के उन्मूलन अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध सप्ताह पर डिप्टी कलेक्टर श्रीमती श्वेता की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी का आयोजन कलक्ट्रेट, सहारनपुर स्थित नवीन सभागार कक्ष में किया गया।संगोष्ठी की अध्यक्ष डिप्टी कलेक्टर श्रीमती श्वेता द्वारा बाल श्रम कुरीति को समाप्त करने पर जोर देते हुए कहा गया कि हम सभी व आमजन को जागरूक होना होगा कि हम कहीं पर भी बाल श्रमिक नियोजित न होने दें, क्योंकि आज का बच्चा कल का भविष्य निर्माता है इसलिए बच्चों को शिक्षा दिलया जाना अनिवार्य है।
उप श्रमायुक्त द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून के उपलक्ष्य में 12 जून से 17 जून तक बाल श्रम के प्रति जन जागरूक सप्ताह मनाए जाने के क्रम में इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। बाल श्रम बाल और किशोर श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 यथा संशोधित अधिनियम 2016 में विनिर्दिष्ट प्रावधानों की जानकारी दी गयी तथा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी गयी। यह भी बताया कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्च बाल श्रमिक की परिभाषा में आवर्त होते हैं तथा 14 से अधिकारी एवं 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे किशोर श्रमिक की परिभाषा में आवर्त होते हैं। हम सबको बच्चों से कार्य नहीं कराया जाना चाहिए तथा हमें प्रण करना है कि हमें जनमानस में जागरूकता लानी है कि वे बच्चों से कार्य न कराये बल्कि उनको स्कूल में शिक्षा दिलायें। श्रीमती वन्दना गुप्ता ने कहा कि बाल श्रम का मुख्य कारण गरीबी है। बच्चों के माता-पिता को भी यह सोचना होगा कि बच्चों से कार्य न कराकर उन्हें स्कूल में शिक्षा दिलायें। श्रम विभाग द्वारा निर्माण श्रमिकों के बच्चो ंके लिए मण्डल सहारनपुर में अटल आवासीय विद्यालय, मुजफ्फरनगर में संचालित है, जिसमें कक्षा-6 से कक्षा-12 तक निःशुल्क आवासीय शिक्षा दी जा रही है। जिलाधिकारी महोदय सहारनपुर के प्रयास से सहारनपुर में भी अटल आवासीय विद्यालय हेतु भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है, जल्द ही जनपद सहारनपुर में भी अटल आवासीय विद्यालय बनाया जायेगा। यह भी अपील की कि दुकानदारों/औद्योगिक प्रतिष्ठानों के स्वामियों को बच्चों को रोजगार पर न रखकर वयस्क पुरूष /स्त्री को ही रोजगार पर रखें।श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री शैलेन्द्र शिवम् त्रिपाठी द्वारा भी उपस्थित सभी व्यक्तियों को बाल एवं किशोर श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 यथा संशोधित अधिनियम 2016 की प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी गयी तथा मजदूरों के हितार्थ सरकार द्वारा चालायी जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया तथा महिला एवं बाल कल्याण हेतु चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे अवगत कराया गया ।जिला स्वछता सलाहकार श्री देवभास्कर पाण्डेय द्वारा सुझाव दिया गया कि ग्राम पंचायत स्तर पर श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, जिला महिला एवं बाल कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत राज विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम आयोजित कर अपने विभाग की योजना की जानकारी दी जानी चाहिए तथा बाल श्रमिकों यदि कहीं हो तो उन्हें चिन्हित कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोडने की कार्यवाही करायी जानी चाहिए। चैम्बर ऑफ इण्डस्ट्रीज एण्ड सर्विस अध्यक्ष श्री रविन्द्र मिगलानी द्वारा भी अपने विचार रखते हुए बाल श्रम जैसी कुरूति को समाप्त करने हेतु आमजन को जनजागरूकता लाया जाना अनिवार्य है पर जोर देते हुए कहा कि हम अपने संगठन के माध्यम से इस ओर कार्य करेंगे। हमारे संगठन से सम्बन्धित कोई भी औद्योगिक ईकाई कोई बाल/किशोर श्रमिक नियोजित नहीं करती है। अध्यक्ष सी0डब्ल्यू0सी0 श्री अनिल कुमार द्वारा भी बाल श्रम न कराये जाने पर अपने विचार रखे और कहा कि सी0डब्ल्यू0सी0 द्वारा बाल श्रमिकों के लिए योजनाएं संचालित है यदि किसी बच्चे के माता या पिता में से कोई एक नहीं है तो उस बच्चे को जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के माध्यम से स्कूल में प्रवेश कराया जाता है तथा उसको 2500 रूपये प्रतिमाह भुगतान किया जाता है। इसी प्रकार यदि कोई बच्चा अनाथ है, तो उसकी देखरेख करने वाले व्यक्ति के साथ बच्चे के संयुक्त खाते में 4000 रूपये प्रतिमाह दिया जाता है। बालिकाओं के लिए एक विद्यालय बाल आश्रम पद्यति का संचालित है जिसमें निःशुल्क शिक्षा दी जाती है।जिलाध्यक्ष व्यापार संघ श्री शीतल टण्डन द्वारा भी बाल श्रमिक नियोजित न कराये जाने पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हम लोग अपने घर व आस-पास तथा किसी भी दुकान/प्रतिष्ठान पर बाल श्रमिकों का नियोजन न करें और न ही किसी को करने दें। बाल श्रम रोके जाने हेतु जनजागरूकता कार्यक्रम बडे स्तर पर भी मण्डल में आयोजित होने चाहिएं। इसकी चर्चा जिला व्यापार बन्धु/जिला उद्योग बन्धु की बैठक में भी की जानी चाहिए। संगोष्ठी में सुरेन्द्र कुमार, सीटू द्वारा भी बाल श्रमिक नियोजन न करने पर अपने विचार व्यक्त किये गये। संगोष्ठी में उप श्रमायुक्त श्रीमती वन्दना गुप्ता, श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री शैलेन्द्र शिवम त्रिपाठी, अध्यक्ष सी0डब्ल्यू0सी0 श्री अनिल कुमार, प्रतिनिधि बी0एस0ए0 श्रीमती श्रेया, जिला स्वछता सलाहकार श्री देवभास्कर, सीडीपीओ कंवरजहां त्यागी, जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती शिवांका गौर, सीडीपीओ नानौता श्रीमती रेखा, एस0आई एएचटीयू श्री सन्दीप कुमार, अध्यक्ष चैम्बर ऑफ इण्डस्ट्रीज एण्ड सर्विस श्री रविन्द्र मिगलानी, अध्यक्ष हौजरी एसो0 श्री मन्जीत सिंह अरोड़ा, जिलाध्यक्ष, व्यापार संघ श्री शीतल टण्डन सहित श्री संजय गुप्ता, श्री विजय वशिष्ट, श्री श्रवण सिंह, सुरेन्द्र कुमार, श्री निशान्त, श्री सुरेन्द्र मोहन, श्री रविन्द्र कालरा उपस्थित रहे।
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