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जन्म से मृत्यु के बीच का समय ही जीवन, संसार ही होता है साधु का परिवार- आचार्य संत कंवरपाल ब्रह्मचारी

जन्म से मृत्यु के बीच का समय ही जीवन, संसार ही होता है साधु का परिवार- आचार्य संत कंवरपाल ब्रह्मचारी

रिपोर्ट एसडी गौतम

यमुनानगर-अखिल भारतीय संत शिरोमणि सतगुरु रविदास मिशन की गद्दी ऊन के महंत आचार्य संत कंवरपाल ब्रह्मचारी जी महाराज का अवतरण दिवस सतगुरु समनदास ध्यान योग आश्रम फर्कपुर जगाधरी में धूमधाम से मनाया गया।

बेगमपुरा शोध संस्थान चेरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में सतगुरु रविदास आश्रम फर्कपुर में आयोजित अवतरण दिवस समारोह का शुभारंभ संत शिरोमणि सतगुरु रविदास जी महाराज सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज के पावन चरणों में गुरुपूजा अर्पित कर मनाया गया। 
अपने अवतरण दिवस पर (जन्मदिन) आश्रम प्रांगण में उमड़ी अनुयायियों की भारी भीड़ को निहाल करते हुए आचार्य संत कंवरपाल ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि सतगुरु के चरणों में संगत द्वारा सत्संग के रूप में उन्हें उपहार प्राप्त हो रहा है क्योंकि गुरु महिमा अपरंपार है और जो मनुष्य गुरु परंपरा का मर्यादापूर्वक पालन करता है वह सभी का प्यारा होता है क्योंकि जन्म से मृत्यु के बीच का समय ही जीवन है और उमर घटने की सीमा को जन्मदिन कहते है क्योंकि स्वांस का कोई भरोसा नहीं होता है इसलिए प्रत्येक स्वांस को परोपकार, सेवा कर्म में लगाना चाहिए क्योंकि यह सेवा भाव मनुष्य योनी में ही मिलता है। उन्होंने समस्त संसार को अपना परिवार बताते हुए सभी से सदाचरण का जीवन में सदुपयोग कर गंदे खान पान व अंधविश्वास से दूर होकर सतमार्ग पर चलने की बात कही। इस अवसर पर अनुयायियों द्वारा आचार्य संत कंवरपाल ब्रह्मचारी जी महाराज को उपहार देकर खुशी जताकर अवतरण दिवस की बधाई दी गई। कार्यक्रम का संचालन रोहतास कुमार ने किया। इस दौरान महात्मा सतीश दास, महात्मा परम दास, महात्मा महेंद्र दास, पत्रकार एसडी गौतम, ब्लॉक प्रमुख पुरकाजी मालती देवी, सेवायोजन अधिकारी धनप्रकाश, रविन्द्र प्रधान, मेहरदास, अजय गौतम, आदेश मेहरा, मेवाराम, नीटू रविदासिया, अक्षय कटारिया, डॉ. सुनील कुमार, महेंद्र दास, बलबीर सिंह, सौरभ, दलजीत, जसबीर सिंह, शौकेंद्र,  छोटेलाल, मानसिंह, रमेश, छत्रपाल, रविकुमार, लक्की व विकास समेत हजारों अनुयाई मौजूद रहे।

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