थीतकी गांव में मनाया गया यौमे आशूरा, मातमी जलूस में गूंजी या हुसैन की सदाएं।
रिपोर्ट समीर चौधरी
देवबंद- आज तहसील देवबंद के थीतकी गांव में यौमे आशूरा के अवसर पर रसूल-ए-ख़ुदा (स.अ.व.) के नवासे हज़रत इमाम हुसैन और करबला में उनके साथ शहीद हुए परिजनों व असहाब की याद में ग़मगीन माहौल में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस मौके पर गांव के अज़ादारों ने पूरी रात शबे बेदारी में गुज़ारी और सुबह 9 बजे जंगल में जाकर यौमे आशूरा के आमाल अदा किए। इसके बाद नमाज़े ज़ोहरैन अदा की गई और फिर मरसिया ख्वानी का आयोजन हुआ जिसमें सैयद औसाफ़ हुसैन और सैयद हुसैन सईद ने अपने दर्दभरे कलामों से करबला के शहीदों की याद ताज़ा की।मरसिया ख्वानी के पश्चात नौहा व मातम करते हुए अलम और ताज़िये के साथ जुलूस निकाला गया जो निर्धारित मार्गों से होता हुआ कर्बला पहुँचा। वहां सोगवारों ने अलविदा पढ़ा और फिर इमामबाड़े वापस लौटकर पूरे कार्यक्रम का समापन किया गया।इस अवसर पर मौलाना सैयद मसनद अली, मौलाना सैयद अम्मार हुसैन, मौलाना सैयद मोहम्मद आलम, मुतवल्ली सैयद मोहम्मद बाकिर, पूर्व राज्यमंत्री सैयद ईसा रजा, मोहम्मद अतहर, इंजीनियर सैयद अब्बास अली, सैयद रहबर अब्बास, डॉ. सैयद तकरीम हुसैन, सैयद मोहम्मद सज्जाद, सैयद मोहम्मद आबाद सहित बड़ी संख्या में अज़ादार मौजूद रहे।कार्यक्रम में शांति और अनुशासन के साथ हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की कुर्बानियों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
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