ग्लोकल आयुर्वेद महाविद्यालय में मनाया गया संस्कृत दिवस
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर-ग्लोकल विश्वविद्यालय के ग्लोकल आयुर्वेद महाविद्यालय के संहिता सिद्धांत एवं संस्कृत विभाग द्वारा “संस्कृत सौरभम् 2025” का आयोजन मेडिकल ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संहिता पाठन से हुई, इसके पश्चात पोस्टर, निबंध, श्लोक, कविता, भाषण, नृत्य व गायन प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। उद्घाटन सत्र में ग्लोकल विश्वविद्यालय के अतिरिक्त प्रतिकुलाधिपति श्री निज़ामुद्दीन, कुलपति प्रोफेसर एच. एस. सिंह, कुलसचिव प्रोफेसर शिवानी तिवारी, प्रतिकुलपति प्रोफेसर जॉन फिनबे, उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. एच. एस. सिंह ने कहा, “संस्कृत केवल भाषा नहीं, संस्कृति की आत्मा है, जो आयुर्वेद की मूल भावना को प्रकट करती है।” कार्यक्रम की समन्वयक श्रीमती अंजू बाला ने स्वागत भाषण में कहा, “संस्कृत वह आधार है, जिस पर आयुर्वेद की संपूर्ण परंपरा टिकी हुई है। यह भाषा न केवल ज्ञान का माध्यम है, बल्कि साधना और संस्कार का स्रोत भी है।” मुख्य वक्ता डॉ. हिमानी गुप्ता ने संस्कृत का आयुर्वेद में महत्व बताया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिनमें पोस्टर प्रतियोगिता में अभिनव यादव को प्रथम, गौरव सिंह को द्वितीय, तथा एषिता चिरोम को तृतीय पुरस्कार मिला । निबंध लेखन में शांभवी को प्रथम, शादमा को द्वितीय, गोसिया को तृतीय स्थान पर मिला वहीं श्लोक पाठन में ज़िया राणा को प्रथम, निधि को द्वितीय स्थान मिला। कविता पाठ में सोनाली राजपूत को प्रथम, मुस्कान को द्वितीय, प्रीति को तृतीय स्थान मिला । भाषण प्रतियोगिता में राहुल प्रथम, शांभवी द्वितीय, खुशी तृतीय तथा नृत्य प्रतियोगिता में एषिता चिरोम प्रथम, सोनाली राजपूत द्वितीय स्थान पर रहे। मंच संचालन इकरा नाज़ और वैभव शास्त्री ने किया तथा कार्यक्रम की व्यवस्था में ज़िया राणा, सोनाली राजपूत एवं अभिनव यादव का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम संयोजक डॉ. प्रीतपाल सिंह एवं समन्वयक श्रीमती अंजू बाला के मार्गदर्शन में यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
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