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30 रुपए कुंतल नाकाफी गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल चाहिए - भगत सिंह वर्मा।

30 रुपए कुंतल नाकाफी गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल चाहिए - भगत सिंह वर्मा।

सभी समस्याओं के हल के लिए पश्चिम प्रदेश जरूरी - भगत सिंह वर्मा।

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर -किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचे प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा

प्रदर्शन कार्यों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी ने गन्ने का मूल्य मात्र ₹30 कुंतल बढ़ाकर प्रदेश के गन्ना किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है। हरियाणा प्रदेश में पिछले 3 वर्षों से वहां के किसानों को ₹50 कुंतल प्रतिवर्ष अधिक गन्ना मूल्य मिल रहा है। इस बार वहां पर 415 रुपए कुंतल गन्ना मूल्य वहां की सरकार ने घोषित किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि लगातार महंगाई बढ़ने के कारण गन्ना उत्पादन लागत बढ़कर 550 रुपए कुंतल हो गई है। गन्ने की बढ़ती हुई लागत और किसानों पर बढ़ते हुए कर्ज को देखते हुए भाजपा की योगी सरकार प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल दिलाने का काम करें। गन्ना प्रदेश और देश की आर्थिक रीढ़ है। गन्ने से चीनी मिलों में चीनी के साथ शीरा भी बनता है। शीरा से अल्कोहल बनता है। एक कुंटल गन्ने से 6- 50 किलोग्राम शीरा। इस शीरा से डेढ़ लीटर अल्कोहल बनता है। डेढ़ लीटर अल्कोहल से देसी शराब बनने पर प्रदेश सरकार को एक कुंतल गन्ने से ही₹800 रुपए एक्साइज ड्यूटी के रूप में प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हजारों उत्पाद बनते हैं जिसे प्रदेश और केंद्र सरकार को जीएसटी और अन्य टैक्स हजारों करोड रुपए प्राप्त होता है। इसके बावजूद भी प्रदेश और केंद्र सरकार गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी मूल्य तो दूर लागत मूल्य भी नहीं दिला पा रही है जो किसानों के साथ सरासर अन्याय है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के 26 जिलों को मिलाकर पृथक पश्चिम प्रदेश का निर्माण होने पर भी यहां बढ़ती हुई समस्याएं हल होगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ज्ञापन के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी से उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांटकर पृथक पश्चिम प्रदेश का निर्माण कराने राज्य पुनर्गठन आयोग गठित करने सहारनपुर में एम्स की स्थापना करने मेरठ में आईआईटी की स्थापना करने मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़कर किसानों को मजदूर उपलब्ध कराने बुजुर्ग किसानों को ₹10000 प्रतिमा वृद्धावस्था पेंशन दिलाने किसानों के सभी कर्ज समाप्त करने किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल करने पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज किसानों को दिलाने जैसी अनेक मांगे की। बैठक की अध्यक्षता पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के सरक्षक चौधरी रामचंद्र गुर्जर ने की। और संचालन भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर अशोक मलिक ने किया। संचालन करते हुए भा कि यू वर्मा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर अशोक ने कहा कि पृथक पश्चिम प्रदेश निर्माण होने पर ही किसानों और गरीबों की सभी समस्याएं हल होगी। पृथक राज्य समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। बैठक और प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन वर्मा के प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित नीरज कपिल प्रदेश मीडिया प्रभारी दुष्यंत सिंह राष्ट्रीय सलाहकार हाफिज मुर्तजा त्यागी प्रदेश सचिव मास्टर रईस अहमद प्रदेश महामंत्री संदीप एडवोकेट प्रदेश संगठन मंत्री धर्मवीर चौधरी प्रदेश सचिव डॉ परविंदर मलिक जिला संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह एडवोकेट जिला मंत्री मुकर्रम प्रधान ईश्वर चंद्र फौजी जिला महामंत्री दीपक चौधरी गुर्जर रविंद्र कुमार शारद विश्वनाथ तिवारी अमरदीप सिंह मान मोहम्मद अनस हाजी सुलेमान हाजी साजिद महबूब हसन वसीम जहीरपुर आदि ने भाग लिया। 


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