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सर्दी आते ही बढने लगे बी.पी., हार्ट और ब्रेन हेमरेज के मरीज़-डॉ. संजीव मिगलानी

सर्दी आते ही बढने लगे बी.पी., हार्ट और ब्रेन हेमरेज के मरीज़-डॉ. संजीव मिगलानी

सर्दी मे हार्ट के मरीजों के लिए सुबह 4 बजे से सुबह 10 बजे तक का समय संवेदनशील--डॉ.मिगलानी

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर-हाईपरटेंशन (उच्च रक्त चाप) आज पूरु विश्व भर में बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। विश्व में लगभग एक अरब से ज्यादा लोग उच्च रक्त चाप से ग्रस्त है। हमारे देश में हाई ब्लड प्रेशर के 11 करोड़ 20 लाख मरीज है जा सन् 2025 तक दो गुनी यानि 21 करोड 40 लाख होने की पूर संभावना है। हमारे देश में 5 व्यक्तियों में से 1 व्यक्ति उच्च रक्त चाप से पीडित है। अगर यह सत्य होता है तो भारत उच्च रक्त रचाप के रूप में विश्व की राजधानी होगा।

नगर प्रमुख डा० संजीव मिगलानी ने कहा कि तेज सर्दियों में केटीकोलामीन का रिसाव बढ जाता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक बढ़ जाते है इसलिए ब्लड प्रेशर की दवाई छोडनी नही चाहिए।नगर प्रमुख डा० संजीव मिगलानी ने बताया कि 70 प्रतिशत मरीजो को उच्च रक्त चाप के बारे में जानकारी है जिनमें से 59 प्रतिशत मरीज ही अपना ईलाज करवा पाते है और उनमें से 34 प्रतिशत मरीज ही हाई ब्लड प्रेशर निंयत्रित कर पाते है शेष 66 प्रतिशत मरीज अपना हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रण नही कर पाते है। हाई बी.पी. की संभावना इन लोगों को ज्यादा होती है जो धुम्रपानअधिक नमक का सेवन करने वाले,अधिक शराब पीने वाले,टाईप ए पर्सनलटी (गुस्सा और चिन्ता वाला,डायबिटिक के मरीजों को ओर आनुवांशिकता एवं मोटे लोगों को ओर व्यायाम न करने वालो में बनी रहती है

उच्च रक्त चाप के लक्षण :-

50 प्रतिशत मरीजों में कोई लक्षण नही पाया जाता है। डाक्टर द्वारा रूटीन चेकअप पर ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ मिलता है।,सिर में दर्द होना, चक्कर आना,दिल का घबराना, उल्टी आना और छाती में दर्द होता है सुबह 4 बजे से सुबह 10 बजे तक का समय खतरनाक विश्व में विभिन्न सर्वो के अनुसार केटीकोलामीन सुबह 4 से 10 बजे के बीच बढ़कर बहुत ज्यादा हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और ब्रेन हेमरेज करता है!!!

उच्च रक्त चाप के दुष्प्रभाव :-

हृदय पर : एन्जाइना, हार्ट अटैक या हार्ट फेल होना, हार्ट का फैल जाना, आकस्मिक धडकन रूक जाना।,दिमाग परः दिमाग की नस बन्द होकर या फट कर अधरंग या पैरालाइसिस का होना।गुर्दो परः गुर्दे फेल होना, हाथो व पैरो का फूल जाना। आंखो पर ः आंख का पर्दा खराब होना, आंख में ब्लड का थका जम जाना,टांगो पर ः नसो में जमाव के कारण टांगो में दर्द,नाक परः नाक की नस का फट जाना है  डा० संजीव मिगलानी ने कहा कि हाई बी.पी. के लिए बचाव एवं उपचार इस प्रकार है कि नमक 6 ग्राम से कम या सोडियम 2.5 ग्राम से कम होना चाहिए। नमक कम लेने से ब्लड प्रेशर 10 मि.मी. कम कर सकते है पापड, चटनी, बरगर, पोटेटो चिप्स, अचार, फ्राइ पनीर, हाई ब्लड प्रेशर वालो को कम लेना चाहिए। इससे आप 12 मि.मी. ब्लड प्रेशर कम कर सकते है। धुम्रपान व तम्बाकू का सेवन न करे।  शराब मत पिये अथवा कम मात्रा में ले। एलकोहल (शराब) कम करके आप 8 मि.मी. ब्लड प्रेशर कम कर सकते है। भोजन में नमक व चिकनाई का प्रयोग कम करे। मोटापा कम करे, मोटे लोग 10 किलो वजन कम करके 20 मि.मी. ब्लड प्रेशर कम कर सकते है।नियमित व्यायाम करे, योग व ध्यान आदि द्वारा मानसिक तनाव कम करे ।भोजन में फाइबर व मछली का प्रयोग लाभदायक है।प्रस्तावित दवाई नियमित रूप से ले। यदि उपरोक्त लिखित सावधानियों के बावजूद भी ब्लड प्रेशर हाई रहता हो या उसने दूसरे अंगों पर दूष्प्रभाव डाल दिया हो तो तुरन्त डाक्टर की सलाह पाकर दवा लेनी चाहिए 30 मिनट मोर्निंग वांक (घूमकर) आप 10 मि.मी. ब्लड प्रेशर कम कर सकते है।हाई ब्लड प्रेशर का इलाज ना करने वाले मरीजों में 40 प्रतिशत ब्रेन हेमरेज अधिक होता है और हार्ट अटैक 15 प्रतिशत अधिक होता है दवाईया मरीज को अपने आप घटानी या बढ़ानी नही चाहिए और अपने डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए।


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