ग्लोकल यूनिवर्सिटी में मनाया गया वीर बाल दिवस
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर -ग्लोकल विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में में वीर बाल दिवस मनाया गया। कार्यक्रम ग्लोकल विश्वविद्यालय के अतिरिक्त प्रतिकुलाधिपति श्री सैयद निजामुद्दीन के संरक्षण और कुलसचिव प्रोफेसर शिवानी तिवारी के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।कार्यक्रम का संयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शोभा त्रिपाठी, श्री जमीरुल इस्लाम और छात्र कल्याण अधिष्ठाता टीम के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर भाषण प्रतियोगिता कराई गई। जिसमें विभिन्न विभागों के 12 छात्रों ने सहभागिता की। इसमें प्रथम पुरस्कार ईशा अंबेडकर द्वितीय पुरस्कार सौरभ कुमार तथा तृतीय पुरस्कार अलका सिंह को प्राप्त हुआ।जिसमें छात्रों ने अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए कहा कि यह दिवस हमें उन महान बाल वीरों की अमर गाथा की याद दिलाता है, जिन्होंने बहुत कम आयु में ही धर्म, राष्ट्र और मानव मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। वीर बाल दिवस सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के सुपुत्रों साहिबज़ादा जोरावर सिंह जी और साहिबज़ादा फतेह सिंह जी की अद्भुत वीरता और अटूट आस्था को समर्पित है। मात्र 9 वर्ष और 7 वर्ष की अल्पायु में इन बालकों ने मुगल शासक के सामने झुकने से इनकार कर दिया। इन बाल वीरों ने यह सिद्ध कर दिया कि वीरता उम्र की मोहताज नहीं होती, बलिदान के लिए हृदय में साहस होना चाहिए। आज के युग में, जब बच्चे मोबाइल और सुविधाओं की दुनिया में उलझे रहते हैं, तब साहिबज़ादों का जीवन हमें सिखाता है, सत्य पर अडिग रहना, अन्याय के सामने न झुकना,और अपने मूल्यों की रक्षा करना।वीर बाल दिवस केवल स्मरण का दिन नहीं, बल्कि प्रेरणा का दिवस है। यह हमें बताता है कि देश और समाज के प्रति हमारा कर्तव्य क्या है। हमें चाहिए कि हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएँ और ईमानदारी, साहस, त्याग और मानवता के धर्म को निबाहें। इसके उपरांत छात्रों को राष्ट्र सुरक्षा की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता टीम के सदस्य श्री बिलाल अहमद डॉ. क़ैफ-उल-इस्लाम, डॉ असगर अली और शहनाज़ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।
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