सैयद मोहम्मद समीर दरगाह शाह विलायत साहब के सज्जादा नशीन नियुक्त
सहारनपुर- क़दीम मोहल्ला शाह विलायत स्थित दरगाह हज़रत शाह विलायत साहब के सज्जादा नशीन सूफी सैयद सलीम अथहर समाजसेवी' "मशहूर दस्तावेज लेखक' का शनिवार शाम लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके पवित्र शरीर को देर रात गोटेशाह क़ब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उनके निधन पर विभिन्न दरगाहों के सज्जादानशीनो एवं सियासी और सामाजिक हलकों ने शोक प्रकट किया है। इस अवसर पर दरगाह गोटेशाह सज्जादे नशीन शाहज़माँ हसन व दानिश सिद्दीकी महासचिव उर्दू तालीमी बोर्ड ने बताया कि इससे पूर्व सूफी परंपराओं के अनुसार खानदान के बड़े बुजुर्गों लोगों की मौजूदगी में दरगाह हजरत शाह विलायत साहब के मरहूम सज्जादा सैयद सलीम अथहर की नमाज़ जनाज़ा से पहले उनके सुपुत्र सैयद मोहम्मद समीर को विधिवत रूप से दरगाह का सज्जादा नियुक्त किया गया
उनकी दस्तारबंदी खानदान एवं सामाजिक व राजनीतिक व्यक्तियों एवं क़ाज़ी नदीम अख़्तर शहर क़ाज़ी की मौजूदगी में संपन्न कराई। दस्तारबंदी के मौके पर मौजूद सभी लोगों ने हाथ उठाकर उनकी सज्जादगी की तस्दीक़ कर उन्हें मुबारकबाद पेश की। मरहूम सूफी सैयद सलीम के करीबी समाजसेवी फैसल भारती व सूफी साबिर उस्मानी ने बताया कि सूफी साहब ने अपने जीवन काल ही में खानदान की मौजूदगी में अपने सुपुत्र समीर को सभी जिम्मेदारियां सौंप दी थी। मरहूम सैयद सलीम साहब ने दरगाह शाह विलायत साहब की 42 वर्षों तक दिल से जिम्मेदारी के साथ सेवा करते रहे। अब यह जिम्मेदारी उनके सुपुत्र समीर पर है। उम्मीद है मुग़लिया काल से चले आ रहे इस खानदानी सिलसिले को कायम रखते हुए वह भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन अपने पिता की तरह ही अंजाम देंगे। शाह विलायत साहब हजरत शाह हारून चिश्ती साहब जिनके नाम पर सहारनपुर का नामकरण किया गया है और नगर के मशहूर हलवाई हट्टा स्थित जिनका मजार मौजूद है उनके सगे दामाद हैं। सैयद समीर उन्हीं की 17 वीं पीढ़ी से आते हैं। मरहूम सय्यद सलीम के भांजे शाहज़मा हसन ने बताया कि हजरत शाह विलायत साहब का उर्स हर वर्ष रमजान की 18 वीं तारीख को संपन्न कराया जाता है। जिसे बा दस्तूर मरहूम सैयद सलीम कराते आए हैं। इस बार यह उर्स उन्हीं तारीखों में नवनियुक्त सज्जादा नशीन जनाब सैयद मोहम्मद समीर की जानशीनी में संपन्न कराया जाएगा। इस दौरान क़ाज़ी नदीम अख्तर, क़ाज़ी शौकत हुसैन, सैयद वासिल, एसएम मुदस्सिर (जामाई) एसएम मुजक्किर (जामाई) ईक़ानउल हक़, शाह महमूद हसन, कानूनगोह गुलनवाज़ अहमद, सूफी लताफत अली उस्मानी, क़ाज़ी सऊद अहमद, डॉ अदनान, हाफिज यूसुफ असलम, डॉ नय्यर कमाल, शाह अबुलमाली सज्जादा नशीन अम्बेहटा, नजम परवेज (गुडडू) एडवोकेट, तारिख़ रामपुरी, फसीउज़्ज़मा, इस्लाम अहमद, डॉ ख़ालिद, अब्दुल्लाह, आमीन अब्दुल रहमान, डॉ शिबली, ताज एडवोकेट, डॉ शाह तारिक़, बॉबी भाई, सैयद यासिर (टिंकू) सहित भारी तादाद में लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट -दानिश अयान
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