Ticker

6/recent/ticker-posts

नगर पंचायत छुटमलपुर का चुनाव अब धीरे-धीरे स्पीड पकड़ने लगा

नगर पंचायत छुटमलपुर का चुनाव अब धीरे-धीरे स्पीड पकड़ने लगा

छुटमलपुर- नगर पंचायत छुटमलपुर का चुनाव अब धीरे-धीरे स्पीड पकड़ने लगा है। चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी ज्यादातर महिलाओं का देखा देखी में प्रचार में प्रयोग कर रहे हैं।।यह प्रचार इतनी तेजी से चल रहा है कि कुछ भी कहना मुश्किल होगा। क्योंकि वोटर तो बिल्कुल ही खामोश बैठा हुआ है। कैसा समय आ गया है की वोटर के द्वार पर प्रत्याशी अपनी भीड़ लेकर जब पहुंचता है तभी वोटर उसकी तवज्जो ऐसी करता है, और आश्वासन उसको ऐसा देता है मानौ की यह वोटर उसी का है। जब दूसरा प्रत्याशी द्वार पर आता है वोटर उसका बेवकूफ भी वैसे ही बनाता है जैसे पहले का बनाया जा चुका है।

सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा ऐसा कर रहे हैं मानो उन्हें पहले से ही इस बात का पता है की जीत उन्हीं की होने वाली हैफिलहाल छुटमलपुर में 15 साल यानी के तीन बार लगातार प्रधान बनने वाली मंजू शर्मा जो की चौथी बार जब जीत दर्ज कराने जा रही थी उसकी टांगे पकड़ कर जबरदस्ती हरा दिया गया था जिसका अफसोस उन कस्बे वासियों को आज तक है जिन्होंने मंजू शर्मा को वोट किया था।।दरअसल मंजू शर्मा एक ऐसी महिला है जो कभी भी जातिवाद की राजनीति नहीं करती, दूसरे वह है कल्लू कल्लू के कहने से गलत काम भी नहीं करती जिसके कारण आज कुछ लोग उसका विरोध करते हैं नहीं तो इस महिला के अंदर ऐसी कोई भी कमी नजर नहीं आती जिसका कि विरोध किया जाए?पढ़ी-लिखी महिला, जिसकी पकड़ अधिकारियों के ऊपर ऐसी पकड़ रही है कि उसका कोई भी काम नहीं रुका। ऐसी महिला जो प्रधान भी नहीं थी, बावजूद इसके वह गरीब और बेसहारा लोगों का साथ देती रही भला आदमी लोग मंजू का साथ क्यों नहीं देंगे?जो लोग मंजू का विरोध कर रहे हैं उनसे जरा यह भी तो पूछा जाए कि मंजू में कमी क्या है? उसकी गलती इतनी ही है कि वह 4 बार प्रधान क्यों चुन ली गई? देश का मुख्यमंत्री हो, देश का प्रधानमंत्री हो? क्या पूरे के पूरे विपक्ष में एकजुट होकर हराने का प्रयास नहीं किया था? आज फिर वह समा गया है जब मंजू शर्मा को कुछ लोग जत्थे के रूप में हरा देना चाहते हैं? जबकि हकीकत यह है कि मंजू के पास सभी वर्ग के लोगों का वोट है इस बात का सभी को ज्ञान है कि मंजू ही एक ऐसी महिला है जिसके पकड़ हर वर्ग के अंदर है हार जीत होती रहती है लेकिन जो स्थिति मंजू शर्मा के सामने कुछ लोग खड़ी कर देना चाहते हैं यह बहुत ही शर्म की बात है! ऐसा नहीं करना चाहिए ऐसा करने से पहले उनको यह भी तो सोच लेना चाहिए कि मैं कौन सी राह पर चल रहे हैं और इसका नतीजा क्या होगा?

 रिपोर्ट-सुरेश गुप्ता

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की काउंसलिंग