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साहब सिंह सैनी को शामिल कर भाजपा ने पश्चिमी यूपी मे साधा जातीय समीकरण

 साहब सिंह सैनी को शामिल कर भाजपा ने पश्चिमी यूपी मे साधा जातीय समीकरण

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सतारूढ भाजपा की पिछडी जातियों को जोडने की मुहिम को मिली धार

रिपोर्ट -अमित यादव मोनू

सहारनपुर-2024 के लोकसभा चुनावों मे भले ही अभी कुछ महीने बाकी हो मगर राजनितिक दलों ने चुनावों को लेकर अपनी अपनी रणनीति को लेकर अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है।एक ओर जहाँ सत्तानशी भाजपा चुनावी दौड और तैयारियों मे सबसे आगे नजर आ रही है तो दूसरी तरफ विपक्षी दल भी बैठकें कर गठबंधन को अंतिम रूप देने मे व्यस्त दिखाई दे रहे है ।

बात करे सतारूढ भाजपा की तो सोमवार को पार्टी के लखनऊ कार्यालय में पिछड़ी जातियों के तमामतर बडे नेताओं की प्रदेश अध्यक्ष चौ भूपेन्द्र सिह व दोनो उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रिजेश पाठक की मौजूदगी पार्टी में शामिल कराने मे बडी कामयाबी हासिल की है।पश्चिम यूपी की अगर बात करे तो  सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबियों में गिने जाने वाले पूर्व एमएलसी और अखिलेश सरकार में  कैबिनेट मंत्री रहे साहब सिंह सैनी भी सोमवार को लखनऊ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सम्मुख भगवाधारी हो गाए गए और अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ उन्होंने ने भी  भाजपा में अपनी आस्था जता दी।आपको बताते चले कि बीते वर्ष दिसंबर में हुए खतौली उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को सपा समर्पित रालोद प्रत्याशी मदन भैया ने बाईस हजार से अधिक मतो से हार का सामने करना पड़ा था। भाजपा आलाकमान हार का मुख्य कारण पूर्व मंत्री डा धर्म सिंह सैनी की भाजपा मे वापसी का अंतिम समय पर स्थानीय नेतृत्व के विरोध के चलते टालने माना गया। डा धर्म सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की जनसभा में पहुंचने से पहले ही वापिस जाना पड़ा था।  इसी कारण से सैनी समाज की पार्टी के प्रति नाराजगी देखी गयी थी।

साहब सिंह सैनी को क्यों चुना गया

खतौली उपचुनाव के बाद भाजपा को एक ऐसे नेता की जरूरत थी जो सैनी समाज में अपनी मजबूत पकड़ रखता हो और पूर्व मंत्री व कद्दावर नेता डा धर्म सिंह सैनी के विकल्प के रूप में पार्टी को मजबूत कर सकता हो।सरल और शांत स्वभाव के धनी साहब सिंह सैनी के लिए स्थानीय नेताओं की रजामंदी भी उनके शामिल होने में एक मुख्य वजह मानी गई ।दूसरी तरफ राजनीतिक जानकारों का मानना था कि सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल में सैनी समाज की अच्छी तादाद है और सैनी समाज भाजपा का पारंपरिक वोट बैंक भी  माना जाता रहा है दूसरी तरफ साहब सिंह सैनी के पार्टी में आने से सैनी समाज और अधिक मजबूती के साथ पार्टी से जुड़ेगा। जिससे आने वाले  लोकसभा के चुनावो में भाजपा की पश्चिम यूपी में जीत की राह और आसान हो  जायेगी।बहरहाल पूर्व मंत्री साहब सिह सैनी भाजपा की सियासी जमीन को कितना पानी दे पायेंगे ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा। मगर उनके इस कदम से एक बार फिर से पश्चिम यूपी के  राजनितिक पारे मे जरूर उबाल आया है।

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