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निजी जीवन में भी श्री राम के आदर्शो का अनुसरण करते है उनके पात्र

निजी जीवन में भी श्री राम के आदर्शो का अनुसरण करते है उनके पात्र

प्रभु राम का किरदार निभाते समय होता है ईश्वरीय शक्ति का आभास: उद्धव कोदंड

सनातन संस्कृति के प्रति लोगो का लगाव देता है दैवीय ऊर्जा:देशमुख वशिष्ठ

सामाजिक मूल्यों की विरासत है आधुनिक युग की श्री रामलीला:नितिन वालिया

रिपोर्ट -अमित यादव मोनू

सहारनपुर-महानगर में इन  दिनों मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की लीलाओ की धूम चारो तरफ देखी जा रही है और दर्शक भी अच्छी खासी तादाद में लीला के मंचन को देखने आ रहे है। लीला के अब तक लगभग सभी पात्र जैसे राजा बाली,सुग्रीव,अंगद,जांमवत और पवन पुत्र हनुमान सभी का आगमन  लीला के मंच पर हो चुका है।

अगर लीला के महानायक भगवान राम के किरदार को निभाने वाले पात्रों की बात करे तो सभी में सामान रूप से एक बात उभर कर आ रही है कि महानगर की अधिकांश लीलाओं मे श्री राम का किरदार निभाने पात्र अपने निजी जीवन में श्री राम के आदर्शो का उनके जीवन का और उनकी मर्यादाओं का अनुसरण करते हुए अपना जीवन समर्पित किए हुए है।सबसे पहले बात करते है उद्धव कोदंड के बारे मे उद्धव श्री राधा कृष्ण मंदिर क्लब गांधी पार्क में प्रभु राम का किरदार बीते कई वर्षो से निभाते चले आ रहे है। उद्धव महामंडलेश्वर अनिल कोदंड के सुपुत्र है और उन्होंने  वृंदावन में रह कर शास्त्रों का अध्ययन किया है। उद्धव वर्तमान में राम और कृष्ण भक्तों को श्रीमद भागवत कथा का रसपान कराते है।उद्धव बताते है कि पूर्व में उनके दादा और पिता भी श्री राम का किरदार निभा चुके और वो उनकी प्रेरणा से ही श्री राम का अभिनय करने लगे है।उद्धव ने आगे बताया कि प्रभु राम का किरदार निभाते उन्हे ईश्वरीय शक्ति का परस्पर आभास होता रहता है जिससे वो अपनी भूमिका को मूर्त रूप देने का हरसंभव प्रयास किया करते है ।

उधर जुबली पार्क रामलीला मे श्री राम का किरदार आचार्य देशमुख वशिष्ठ बीते कई वर्षो से लगातार करते आ रहे है।देशमुख वशिष्ठ हिंदुस्तान में नामी भागवत कथावाचको में शुमार है।देशमुख भागवताचार्य के साथ साथ ज्योतिषाचार्य भी है।भागवत कथा करने के लिए देशमुख देश के कोने कोने मे जाया करते हैं। देशमुखा वशिष्ठ वर्तमान में श्री सिद्ध आशुतोष शिव मंदिर की व्यास पीठ पर आसीन है जहा से वो सनातन धर्म का निरंतर प्रचार प्रसार करते रहते है।उधर दिनेश सक्सेना श्री आशुतोष समिति रामलीला गुरूद्वारा रोड पर प्रभु श्री राम की भूमिका अदा करते है।दिनेश सक्सेना का कहना है  कि कुछ दिनो की लीला से वो इस कदर राममय हो चुके हैं कि उन्होने अपने निवास को ही मंदिर का स्वरूप दे दिया और वर्ष मे कई बार धार्मिक अनुष्ठानो का आयोजन करने लगे जिस से लोगो का धर्म के प्रति श्रद्धा और समर्पण की भावना बनी रही ।


टीटू कॉलोनी रामलीला मे नितिन वालिया श्री राम के जीवन,आदर्शो और मर्यादा को समर्पित किरदार निभा रहे हैं। नितिन के बारे लोगो का कहना है कि नितिन पर भगवान राम का स्वरूप सबसे ज्यादा खिलता है और उनको देखने के लिए दूर दूर से दर्शक टीटू कॉलोनी रामलीला को देखने आते हैं। लोगो का ये भी कहना है कि नितिन को और दिन बिना रूप सज्जा के देखते है तो तब भी उनमे  भगवान राम का प्रतिबिंब नजर आता है। एमएनसी कम्पनी में कार्यरत नितिन का कहना है कि समाजिक मूल्यो की विरासत है आज के आधुनिक युग की लीला जहा प्रचीन काल की परंपरा को आज भी उतना महत्व दिया जाता  है जितना पहले दिया जाता था।नितिन  कहना है कि भगवान राम के किरदार को निभाते हुए उन्हे गौरान्वित महसूस होता है।उत्तर रेलवे नाटक क्लब में श्री राम की भूमिका निभाने वाले हिमांशु सैनी भागवताचर्य देशमुख वशिष्ठ के साथ भागवत कथा मे उनके साथ रहते है।और कथा के आयोजन के साथ अन्य व्यवस्था को देख रेख मे अहम भूमिका निभाते है।बहराल ऐसे में महानगर सहारनपुर में रामलीलाओं महत्व और भी बढ़ जाता है जहा श्री राम के स्वरूप धारण करने वाले ही खुद ही श्री राम के उपासक हो।

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