आल इंडिया मौलाना आज़ाद एजुकेशनल बोर्ड व एवान उर्दू हिन्द के संयुक्त तत्वाधान में विचार गोष्ठी
रिपोर्ट-अमान उल्ला खान
सहारनपुर- आल इंडिया मौलाना आज़ाद एजुकेशनल बोर्ड व एवान उर्दू हिन्द के संयुक्त तत्वाधान में एक विचार गोष्ठी कार्यक्रम सलाम पब्लिक स्कूल में प्रोफ़ैसर जलाल उमर की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का परिचय कराते हुए बोर्ड के चेयरमैन पीरज़ादा प्रोफ़ैसर शेरशाह आज़म ने कहा कि आलमी योम ए उर्दू शायर ए मशरिक़ अल्लामा इक़बाल के जन्मदिन के नाम से मनाया जाता है। आज उन्ही की याद में आज का यह प्रोग्राम रखा गया हैइसके अलावा देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है, आज के कार्यक्रम में उनकी याद को आधार बनाया गया है। जब कि इस्लामिया कालेज सहारनपुर के संस्थापक शहीद नियाज़ मौ.ख़ान की याद को इस प्रोग्राम का हिस्सा बनाया गया है, जिन्हें और उनके तीन बेटों को मात्र इस लिए ज़हर दे दिया गया था कि वे मुस्लिम जगत में शिक्षा द्वारा जागरूकता लाना था। कुछ घटना इस प्रकार है कि फ़र्ज़ी नाम से सोहन्द हलवे का पार्सल नियाज़ मोहम्मद खां एडवोकेट मरहूम के घर आया जिसे उनकी धर्मपत्नी ने रख दिया,शाम को इसके बारे में जानकारी दी,रात के खाने के बाद स्वर्गीय नियाज़ मोहम्मद खां व उनके चार पुत्रों में से तीन ने जैसे ही उस हल्वे को चखा, वैसे ही ज़हर की तीव्रता इन चारों की जान ले ली, एक साथ एक ही घर से चार अर्थियां उठीं।इस अवसर पर बोर्ड के सचिव ब्लू बर्ड जूनियर हाईस्कूल के मैनेजर एम.जमाल असलम ने इन तीनों हस्तियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अल्लामा इक़बाल मात्र उर्दू के शायर नहीं थे, बल्कि वह फ़ारसी, संस्कृत और अंग्रेजी के भी शायर थे। उन्होंने जहां दीनी तालीम हासिल की वहीं उन्होंने बैरिस्टर व दूसरे दुनियावी शिक्षाएं हासिल करने में कामयाबी हासिल की। ब्लू बर्ड जूनियर हाईस्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती नीलोफ़र शम्सी ने कहा कि अल्लामा इक़बाल ने सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा, तराना लिख कर देश की एक जुटता व समरसता को उजागर किया तो वहीं उन्होंने, लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी,हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायत करना, लिख कर इंसानियत का पैग़ाम दिया है। उन्होंने मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद हिन्दुस्तान के बटवारे के घोर विरोधी थे, उन्होंने हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए अपनी आख़री सांस तक काम किया।क्रीसैन्ट जूनियर हाईस्कूल के मैनेजर ताजदार ख़ान ने अल्लामा इक़बाल के फ़लसफ़ा ए ख़ुदी पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इक़बाल एक नाम नहीं बल्कि विचार और दर्शन का नाम है। इक़बाल ने इंसान की गरिमा उसे अशरफ़ उल मख़लूक़ होने के अर्थ व खुलासे पूर्ण रूप से बयान किये हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय कवि डा.आबिद हसन वफ़ा श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने मधुर कण्ठ से माहौल में समां बांधा उन्होंने कहा,,इख़्तिलाफ़ आपस में देर तक नहीं रखना। रंजिशें मिटाने को इक सलाम काफ़ी है।,, कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफ़ैसर जलाल उमर ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ख़िलाफ़त आन्दोलन के अध्यक्ष व राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष रहे, उन्होंने गांधी जी के साथ आन्दोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया उन्होंने सबसे ज़्यादा 11साल का टाइम जेलों में मुसीबतों में गुज़ारा। अपने मंत्री काल में उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, युनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन, आई आई टी, साहित्य एकेडमी की स्थापना की। कार्यक्रम में छात्रों व छात्राओं ने सुन्दर प्रस्तुतियां पेश कीं।अन्त में सलाम पब्लिक जूनियर हाईस्कूल के मैनेजर सय्यद यूसुफ़ ने आये हुए मेहमानों को धन्यवाद किया। कार्यक्रम में मौ.रय्यान, मुजाहिद नदीम व एरा नबी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
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