सद्भावना दिवस के रूप में मनाया तुलसी पूजन और क्रिसमस दिवस
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दिव्य शक्ति अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर संत कमल किशोर जी ने मानव धर्म की श्रेष्ठता पर बल देते हुए कहा कि हमें एक दूसरे के साथ प्रेम से रहना चाहिए क्योंकि प्रेम इंसान का स्वभाव है। कुरान की पहली सूरा अल फातिहा भी गायत्री मंत्र का ही स्वरुप है जो ऋग्वेद से लिया गया है उसमे भी ईश्वर से हमे ज्ञान और प्रेम के प्रकाश पथ पर चलाने के लिए प्रार्थना की गई है। मुसलमान का अल्लाह,ईसाईयों का गॉड और हिंदुओं का ईश्वर एक है तो दोनों अलग-अलग कैसे हो सकते हैं?नेशनल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ असलम खान ने बताया आपसी भाईचारे से ही हम भारत को विश्व गुरु बना सकते हैं। अतः हमें धर्म के मूल को समझना चाहिए कि जब भी विदेश में जाते हैं तो लोग भारतीय संस्कृति की प्रशंसा करते हैं। भारतीय संस्कृति जीवन जीने का एक अभिन्न अंग है जिसमें विभिन्न धर्मों का समावेश है। हम सभी को केवल एक धर्म को अपनाना चाहिए और वह धर्म होना चाहिए मानवता यानी इंसानियत। इंसानियत हमें प्रेम सिखाती है ना कि घृणा करना।
दिव्य शक्ति अखाड़े के महामंडलेश्वर अनिल कोदण्ड श्याम सखा ने ऐसे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ईश्वर ने सभी को जीने के लिए समान रूप से धूप, वायु, हवा, और जल दिया है और सभी उसका उपयोग करते हैं कभी भी। ईश्वर ने यह नहीं कहा कि मैं हिंदू के खेत पर पानी बरसाऊंगा मुसलमान के नहीं। सरकार भी जब सड़के बनती है तो उसे पर हिंदू भी चलते हैं तो मुसलमान,ईसाई ,बौद्ध,फारसी, जैन, सिख सभी संप्रदायों के लोग चलते हैं। हमारा जीवन भी इस तरह से होना चाहिए।महामंडलेश्वर स्वामी धीरजानन्द जी महाराज ने राष्ट्र कली प्रगति के लिए घृणा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि हम सभी को प्रेम के दीपक के उजाले मे सभी को एक सा देखना चाहिए क्योंकि प्रेम ही ईश्वर की सच्ची साधना है। परमात्मा सभी को भाषा,सम्प्रदाय,गरीबी अमीरी,व देशों की सीमाओं से ऊपर उठकर एक दृष्टि से देखता है,लेकिन स्वार्थ और अहंकारवश इन्सान आपस मे लड़ता है। प्रेम करो और जोड़ो,यही सच्चा संदेश है। इस अवसर पर साध्वी अनीता और आचार्य महामंडलेश्वर संत कमल किशोर ने डॉ असलंम खान को भगवद गीता भेंट की तो डॉ असलम खान ने पवित्र कुरान संत कमल किशोर को भेंट स्वरूप प्रदान किया। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध भागवत कथावाचक उद्धव कोदंडजी,सुरेश निझावन, श्रीमती अनीता,श्रवण पाण्डेय वर्क संस्था के सदस्य,तथा अनेकों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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