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बच्चों और महिलाओं में इन खूंखार बंदरों का ख़ौफ़

बच्चों और महिलाओं में इन खूंखार बंदरों का ख़ौफ़

रिपोर्ट -डॉ0 ताहिर मलिक

रामपुर मनिहारान-नगरवासियों के लिए बंदरों के झुंड ऐसी समस्या बन गए हैं जिनका कोई समाधान नज़र नहीं आ रहा है।बच्चों और महिलाओं में इन खूंखार बंदरों का ख़ौफ़ साफ़ दिखाई देता है।कोई नहीं जानता कि इन बंदरों के आतंक से कब और कैसे और कौन निजात दिलाएगा।

नगर के कई मौहल्लों में बंदरों के झुंड आतंक मचाए हुए हैं।ये झुंड दिन हो रात किसी भी समय आ धमकते हैं।अगर कोई व्यक्ति इन्हें भगाने की कोशिश करता है तो यह डरकर भागने की बजाए उल्टे हमलावर हो जाते हैं जिससे वह व्यक्ति ही डर जाता है।क्योंकि पूर्व में बंदरों के झुंड कई लोगों की घायल कर चुके हैं।महिलाएं छतों पर धूप में कपड़े सुखाने से डरती हैं।क्योंकि बंदर कपड़े उठा ले जाते हैं या फाड़ देते हैं।बच्चों ने छतों पर खेलना बंद कर दिया है।बंदरों के झुंड बिजली के तारो का झूला बना कर झूलते दिखाई दे जाते हैं। बंदरों के इन झुंडों से बचाव का कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा है।ये ऐसी समस्या बन चुके हैं जिसका समाधान आम आदमी को नहीं पता। बंदरों के झुंड जब आते हैं लोग इधर उधर दुबक जाते हैं समाचार पत्रों द्वारा अनेकों बार इस समस्या को प्रमुखता से उठाया गया है परंतु किसी भी अधिकारी या विभाग ने इस और ध्यान नहीं दिया है।जनता त्रस्त है और कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा है। आस मोहम्मद सैफी,ऋषभ गुप्ता, अमन मलिक,अम्बर मलिक,मोनू,अभिषेक, मेहराज,नासिर,फ़रहान,सचिन,शिव कुमार, संदीप आदि ने बंदरों से निजात दिलाए जाने की माँग की है।

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