Ticker

6/recent/ticker-posts

साहिब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर विशेष

साहिब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर विशेष

महान योद्धा के साथ कई भाषा और कलाओं के निपुण थे गुरु गोबिंद सिंह जी

रिपोर्ट-अमित‌ मोनू यादव

साहिबे कमाल श्री गुरू गोबिंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरु होने के साथ साथ एक महान योद्धा,विद्वान,और लेखक थे। उनके दरबार में हमेशा 52 कवियों और लेखकों की उपस्थिति रहती थी।जिस कारण उन्हें इतिहास में संत सिपाही भी कहा जाता है। गुरू गोबिंद सिंह जी ने स्वंय ही कई ग्रंथो की रचना की है उन्हे संस्कृत, फारसी,पंजाबी ,अरबी समेत अन्य कई भाषाओं के ज्ञानी थे। गुरू गोबिंद सिंह जी को इतिहास में सरबंस दानी कहा जाता है उन्होंने अपना सर्वस्व धर्म और राष्ट्र पर न्योछावर कर दिया था। उनका सम्पूर्ण जीवन आदर्शो से परिपूर्ण रहा। उनके आदर्शो को और शिक्षा को आने वाली पीढ़ियों युग युग तक यूं ही अनुसरण करती रहेगी।

गुरु गोबिंद सिंह जी की वाणी कि

“सवा लाख से एक लड़ाऊं,

चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, 

तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं हमे आज भी सैकडो वर्षो बाद जुल्म, अन्याय और अत्याचारों के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा और हिम्मत देती आ रही है। सरबंसदानी साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म और देश की खातिर अपना सर्वत्र न्योछावर कर मानवता को और आने वाली पीढ़ी को मानवीय मूल्यों के साथ धर्म की राह पर निडरता से चलने का मार्ग दिखाया।उन्होंने एक ऐसे समाज की नीव रखी जो समावेशी और साम‌ंजस्य पूर्ण है। गुरू गोबिंद सिंह जी का जीवन पूरी मानवता और दुनिया के लिए एक मिसाल है।,उनकी वीरता और बलिदान अदुतीय है,उन्होने धर्म के सिद्धांतो का हमेशा वरण किया। मानव जाति सदा ही गुरू गोबिंद  सिंह जी के जीवन और आदर्शो से  प्रेरित होती रहेगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

बीएलओ की मौतों के खिलाफ आम आदमी पार्टी की श्रद्धांजलि सभा