निजी स्कूल संचालक पढ़ना चाहते हैं तो सरकार हमारी पढ़ाई में बनती है बाधक-डॉ मलिक
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल के प्रबंधक व मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक मलिक ने कहा कि जिलाधिकारी महोदय ने शीतकालीन की छुट्टियां भी 45 दिन की और ग्रीष्मकालीन की छुट्टियां भी करीब 45 दिन की रहेगी इस प्रकार 1 वर्ष में करीब तीन से अधिक महीने निजी स्कूल संचालकों को शिक्षकों को वेतन देना टेडी खीर का समान है जब बच्चा स्कूल नहीं आता तो स्कूल में फीस भी नहीं आती और स्कूल संचालक वेतन देने के लिए हलकान हो जाते हैं इसलिए निजी स्कूलों पर आदेशों को थोपना एक बेईमानी हो जाती है परिषद के स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती हम पढ़ना चाहते हैं लेकिन सरकार हमें पढ़ाने नहीं देती सरकार हमें वेतन मानदेय या अन्य कोई वित्तीय लाभ नहीं देती तो हमारे ऊपर नए-नए कानून थोपना भी उचित नहीं है यू डाइस कोड और अन्य सभी डाटा फीडिंग का कार्य शिक्षा विभाग के सरकारी कर्मचारियों के द्वारा किया जाना चाहिए ग्रामीण क्षेत्र में गली मोहल्ले के निजी छोटे मंझलें स्कूल संचालित होते हैं जहां गरीब व्यक्तियों पर लैपटॉप कंप्यूटर ऑपरेटर डेस्कटॉप स्मार्टफोन नेट कनेक्टिविटी भी नहीं होती इस प्रकार हिंदी माध्यम के स्कूलों पर अतिरिक्त बोझ थोपना न्यायउचित नहीं है जिसका हम विरोध करते रहेंगेइस अवसर पर जिला अध्यक्ष केपी सिंह श्रीमती कविता श्रीमती अमृता श्रीमती डिंपल चौधरी सरिता चौधरी कुमारी दिव्या कुमारी जिया कुमारी शिवानी श्रीमती प्रियंका कुंवारी खुशी अंशिका चौधरी लक्ष्य मलिक हरेंद्र कुमार कुमारी कोमल आदि उपस्थित रहे कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष केपी सिंह व संचालन श्रीमती सुषमा मलिक ने किया विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती सुषमा मलिक ने आए अतिथियों का आभार व्यक्त किया

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