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देवबंद में रसम पगड़ी कार्यक्रम बना सौहार्द की मिसाल, हिंदू-मुस्लिम गुर्जर समाज ने दी एकता की मिसाल

देवबंद में रसम पगड़ी कार्यक्रम बना सौहार्द की मिसाल, हिंदू-मुस्लिम गुर्जर समाज ने दी एकता की मिसाल

स्व. चौधरी अब्बल हसन को श्रद्धांजलि, पुत्र नूर हसन को पहनाई गई पगड़ी

रिपोर्ट समीर चौधरी

देवबंद-देश में फैले नफरत के माहौल के बीच देवबंद में गुरुवार को एक ऐसा आयोजन देखने को मिला, जिसने सामाजिक एकता और आपसी सौहार्द की मिसाल पेश की। यहां गुर्जर समाज की ओर से दिवंगत चौधरी अब्बल हसन की स्मृति में रसम पगड़ी का आयोजन किया गया, जिसमें हिंदू-मुस्लिम गुर्जर समाज के लोगों ने एक साथ भाग लेकर मोहब्बत और भाईचारे का संदेश दिया।

गुज्जरवाड़ा निवासी 82 वर्षीय चौधरी अब्बल हसन का 28 मई की सुबह एक सड़क दुर्घटना में दुखद निधन हो गया था। उनके सम्मान में आयोजित रसम पगड़ी कार्यक्रम में हरियाणा, उत्तराखंड समेत कई राज्यों से गुर्जर समाज के लोगों ने शिरकत की।कार्यक्रम के दौरान स्व. अब्बल हसन के बड़े पुत्र चौधरी नूर हसन को सामूहिक रूप से पगड़ी पहनाकर समाज की जिम्मेदारी सौंपी गई और उन्हें पिता के पदचिह्नों पर चलने के लिए प्रेरित किया गया।इस मौके पर हरियाणा के विधायक चौधरी अर्जन सिंह ने स्व. अब्बल हसन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे समाज के एक प्रतिष्ठित स्तंभ थे, जिनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। पूर्व विधायक मनोज चौधरी ने कहा कि अब्बल हसन दोनों समुदायों में समान रूप से सम्मानित थे और उन्होंने सदैव समाज को जोड़ने का कार्य किया।गुर्जर नेता चौधरी वीरेंद्र गुर्जर ने कहा कि उनका व्यक्तित्व प्रेरणादायक था और उनकी यादें समाज के बीच हमेशा जीवित रहेंगी।कार्यक्रम में चौधरी दिलशाद, चौधरी संदीप खटाना (उत्तराखंड), चौधरी रमेश पंवार, चौधरी सनोज कुमार, चौधरी जितेंद्र, नरेंद्र पंवार, चौधरी साधुराम, सुमन प्रधान, राहुल जोगी, शिवकुमार, यशपाल भाटी सहित बड़ी संख्या में गुर्जर समाज के लोग मौजूद रहे।

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