प्रेमलता मित्तल के मरणोपरांत नेत्रदान करा दो नेत्रहीन व्यक्तियों के कालिमा से भरे जीवन को किया रोशन
रिपोर्ट सुहैल खान
गंगोह- जिन्दगी कब साथ छोड़ दे, गम नहीं है। हमको हमने नेत्रदान करके, अंधेरों में रोशनी जगाने का इरादा कर रखा है। दृष्टि एक प्रयास के माध्यम से मरणोपरांत एक महिला के नेत्रदान कराए गए हैं।
मोहल्ला ईशरा निवासी अरुण मेहता ने रुडक़ी में रहने वाली अपनी बहन प्रेमलता मित्तल के मरणोपरांत नेत्रदान करवाए। रुडक़ी से अमित मित्तल ने दृष्टि अध्यक्ष अमित गर्ग के माध्यम से अपनी माता प्रेमलता मित्तल के मरणोपरांत नेत्रदान करा दो नेत्रहीन व्यक्तियों के कालिमा से भरे जीवन को रोशन कर दिया। दृष्टि अध्यक्ष व सचिव ने रोशनी आई बैंक सहारनपुर के अध्यक्ष सूरज जैन को नेत्रदान कराने के बारे में जानकारी दी। जानकारी मिलते ही आई बैंक के अध्यक्ष ने चीफ मेडिकल आफिसर डा. श्वेता के साथ सहारनपुर से रुडक़ी पहुंच कर दोनों नेत्रों के कार्निया लिए जिनका प्रत्यारोपण किन्हीं दो लोगों को करा दिया जायेगा। इस मौके पर शोभना, अनुराग मित्तल, सुभाष मेहता, अशोक मेहता, प्रीति मित्तल, अमित, संजय, सोनिया, मुकेश, अरुण मेहता आदि मौजूद रहे।।
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