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देवबंद की बेटी शाजिया शरीफ ने IIT दिल्ली से की पीएचडी, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पेश किया शोध, अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ाया देश और देवबंद का मान

देवबंद की बेटी शाजिया शरीफ ने IIT दिल्ली से की पीएचडी, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पेश किया शोध, अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ाया देश और देवबंद का मान।

रिपोर्ट समीर चौधरी

देवबंद-शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में देवबंद की बेटी ने ऐसा मुकाम हासिल किया है, जिसने न सिर्फ परिवार और नगर, बल्कि पूरे देश को गर्व से भर दिया है। नगर निवासी डॉ. शरीफ अहमद की सुपुत्री डॉ. शाजिया शरीफ ने भारत के प्रतिष्ठित संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली से पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर ली है। अपनी पीएचडी के दौरान उन्होंने अफ्लाटॉक्सिन नामक खतरनाक फूड टॉक्सिन की पहचान के लिए एप्टामर आधारित सस्ती और प्रभावी जांच किट विकसित की है, जो ग्रामीण भारत के लिए एक बड़ी राहत बन सकती है।

शाजिया द्वारा विकसित की गई किट अनाज, मूंगफली और पशु आहार जैसे खाद्य उत्पादों में पाए जाने वाले अफ्लाटॉक्सिन की शुरुआती पहचान करने में सक्षम है। यह टॉक्सिन फफूंदी के कारण उत्पन्न होता है और लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। शाजिया की किट न केवल कम लागत में उपलब्ध है, बल्कि इसे गांव-देहात के सामान्य लोग भी आसानी से उपयोग कर सकते हैं, जिससे खाद्य सुरक्षा को लेकर बड़ी राहत मिल सकती है।शाजिया शरीफ ने अपने शोध को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (इंग्लैंड) में वर्ष 2024 में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन में प्रस्तुत किया, जहां उनके नवाचार को वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय ने सराहा। इसके अलावा, उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और विज्ञान जगत में देवबंद का नाम रौशन किया।डॉ. शाजिया एक विद्वान एवं समाजसेवी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता डॉ. शरीफ अहमद एक अनुभवी चिकित्सक हैं। बड़े भाई डॉ. मोहम्मद आसिफ, जामिया तिब्बिया मेडिकल कॉलेज, देवबंद में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। दूसरे भाई मैकेनिकल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट हैं और एक प्रतिष्ठित संस्थान में सेवाएं दे रहे हैं, जबकि छोटे भाई आक़िब शरीफ, जो कॉलेज टॉपर भी रहे, इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कार्यरत हैं। पूरा परिवार शिक्षा, चिकित्सा और समाजसेवा में सक्रिय है।शाजिया की प्रारंभिक शिक्षा देवबंद में स्थित एक साधारण विद्यालय से हुई, लेकिन उन्होंने मेहनत, लगन और जुनून के बल पर IIT दिल्ली में दाखिला लेकर विज्ञान की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध कर यह सिद्ध कर दिया कि संघर्षों के बीच भी सफलता संभव है।डॉ. शाजिया शरीफ की इस उपलब्धि पर देवबंद क्षेत्र में हर्ष और गर्व की लहर है। उनकी सफलता उन सभी छात्राओं के लिए एक प्रेरणा है जो वैज्ञानिक क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हैं।

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