दशलक्षण महापर्व का नौवें दिन मनाया उत्तम आकिंचन्य धर्म
रिपोर्ट डॉ ताहिर मलिक/अमन मलिक
रामपुर मनिहारान-जैन समाज के दस दिवसीय दशलक्षण महापर्व का नौवां दिन उत्तम आकिंचन्य धर्म के रूप में मनाया गया।
प्रातः मंदिर में श्री महावीर भगवान की प्रतिमा को पाण्डुकशिला पर विराजमान कर अभिषेक और शांतिधारा की गई।श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए पं अंकित शास्त्री ने कहा कि दशलक्षण पर्व का नौवां दिन उत्तम आकिंचन्य धर्म का दिन है। आकिंचन्य धर्म का अर्थ बताते हुए कहा कि हमें अनावश्यक वस्तुओं का संग्रह नहीं करना चाहिए। ज्यादा परिग्रह दुख का कारण है। परिग्रह के 24 भेद बताए गए हैं। ज्यादा परिग्रह व्यक्ति को सुख का नहीं दुख का अनुभव कराता है। शाम के समय श्री जी की भव्य आरती की गई। इसके बाद दमशराज प्रतियोगिता कराई गई।कार्यक्रम का संचालन आर्जव जैन ने किया।इस दौरान जैन समाज के प्रधान मनोज जैन, महामंत्री निपुण जैन विद्यासागर जैन,शशांक जैन, अतुल जैन, प्रशांत जैन, ललित जैन, विजय जैन,अभिषेक शास्त्री, संजय जैन, सुधीर जैन, राहुल जैन,आकाश जैन, अर्पित जैन, नमन जैन, आर्जव जैन, नवीन जैन, ललित जैन, शुभम जैन, पुष्पेन्द्र जैन, नीरज जैन, अमित जैन सहित समाज के सैकड़ों महिला पुरुष मौजूद रहे।
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