गुरु नाम की नैया से होता है बेड़ा पार, गुरु के बिना जीवन अधूरा- राजकुमार दास ब्रह्मचारी
रिपोर्ट एसडी गौतम
नागल-अखिल भारतीय संघ शिरोमणि सतगुरु रविदास मिशन रजि. गुरु गद्दी ऊन (शुक्रताल) के तत्वाधान मे गांव पांडोली में तीसरा वार्षिक सत्संग आयोजित किया गया। सत्संग का शुभारंभ संत शिरोमणि सतगुरु रविदास जी महाराज, स्वामी ज्ञान भिक्षुक जी महाराज व सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज के चरणों में आरती वंदना से किया गया।
संगत को निहाल करते हुए महात्मा राजकुमार दास ब्रह्मचारी जी ने समझाया कि मनुष्य को तन को चमकाने से ज्यादा मन का चमकना जरूरी है क्योंकि मन को गुरु नाम की नैया मिल जाती है तो बेड़ा भवसागर से पार हो जाता है क्योंकि गुरु के बिना संसार अधूरा है। उन्होंने सतगुरु रविदास जी महाराज, सतगुरु समनदास जी महाराज के समानतावादी मार्ग को अपनाने और चुगली, निंदा, जातिगत द्वेष, ईर्ष्या व गंदे खानपीन छोड़कर सच्चाई की राह पर चलने की बात कही। सत्संग में बोलते हुए प्रचारक एसडी गौतम पत्रकार ने सभी से मृत्युभोज जैसी कुरीतियों से बचकर अंधविश्वास व पाखंडवाद से दूर रहने की बात कही और आगामी 27 अक्टूबर को गुरु गद्दी ऊन में आयोजित होने वाले महान संत समागम को सफल बनाने की बात कही। कार्यक्रम में सामाजिक न्याय बोर्ड के पूर्व महानिदेशक एड. एमपी आनंद, शुक्रताल मंदिर के आचार्य योगानंद, महात्मा गुरुमुख दास ब्रह्मचारी, समाजसेवी रामपाल सिंह गौतम, प्रशासनिक अधिकारी राजेश्वर दयाल व भीम आर्मी नेता बुल्ला शाह ने समाज में व्याप्त कुरीतियों से हटकर बच्चों की शिक्षा पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन मास्टर महेंद्र सिंह व मास्टर विपिन कुमार द्वारा किया गया। इस दौरान अनेकों महात्मा समेत सूरजभान भगतजी, श्यामलाल, फूलसिंह, अनिल दास, कंवरपाल, राजपाल सिंह, सोनू पटवारी, भानु प्रताप, भोपाल पालीवाल, अंकुर मास्टर, सोमपाल, मन्नू, रविन्द्र, मनीष कुमार, विकास नौटियाल, सुभाष चंद, राकेश भगत, मांगेराम, अरुण बौद्ध, नीटू रविदासिया, अनुज रविदासिया, परविंदर रविदासिया, सुंदर रविदासिया, सावन बाबरे, अभिषेक, रजत दास व नीरज समेत हजारों अनुयाई मौजूद रहे।
0 टिप्पणियाँ